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कलंक का भागी ना बने? आज के दिन चंद्र दर्शन भूलकर भी ना करे
आज वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत है। आज चंद्र दर्शन निषेध है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चांद देखने पर झूठे आरोप और कलंक लग जाते हैं। चलिए जानते हैं कि आखिर इस प्रथा के पीछे क्या कारण है।
दरअसल गणेश पुराण में चंद्र दर्शन को लेकर बनी इस निषेध प्रथा के पीछे की कहानी कही गई है। गणेश पुराण में बताया गया है कि भगवान गणेश ने चंद्रमा को शाप दिया था जिसके कारण गणेश चतुर्थी के दिन जो भी चंद्रमा को देखेगा उस पर झूठे आरोप लगेंगे और उसे कलंकित किया जाएगा। गणेश जी के इस शाप से भगवान कृष्ण भी नहीं बच पाए। उन्होंने गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन किए तो उन पर स्यामंतक मणि चोरी करने का झूठा कलंक लग गया था।
आज के दिन को कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है। सम्वत्सरी चतुर्थी पक्ष (जैन)। सूर्य दक्षिणायन। सूर्य उत्तर गोल। शरद ऋतु। 10 सितंबर, शुक्रवार, 19 भाद्रपद (सौर) शक 1943, 26 भाद्रपद मास प्रविष्टे 2078, 2 सफर सन हिजरी 1443, भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी रात्रि 9.58 बजे तक उपरांत पंचमी, चित्रा नक्षत्र मध्याह्न 12.58 बजे तक तदनंतर स्वाति नक्षत्र, ब्रह्म योग सायं 5.42 बजे तक पश्चात् इंद्र योग, वणिज करण, चंद्रमा तुला राशि में (दिन-रात)।