बिहार

सीबीआई कोर्ट में पेश हुए लालू यादव

Sujeet Kumar Gupta
16 Jan 2020 11:15 AM IST
सीबीआई कोर्ट में पेश हुए लालू यादव
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बिहार। चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव पेशी के लिए रांची की सीबीआइ अदालत पहुंचे हैं। यहां उन्‍होंने डोरंडा कोषागर मामले में कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया। कोर्ट कैंपस में भारी सुरक्षा की व्‍यवस्‍था की गई है। लालू के सहयोगी भोला यादव भी उनके साथ हैं। चारा घोटाले के पांचवें मामले डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की मामले में गुरुवार को लालू अपना बयान दर्ज करा रहे हैं। सीबीआइ के विशेष जज सुधांशु कुमार शशि की अदालत में लालू की पेशी हुई है। इस बीच लालू को टायलेट भी ले जाया गया।

लालू प्रसाद को कोर्ट में पेश कराने को लेकर जेल प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है. हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री के अधिवक्ता ने रविवार को उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सशरीर उपस्थिति से छूट देने की कोर्ट से मांग की थी और रिम्स से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बयान दर्ज कराने का आग्रह किया था. हालांकि, कोर्ट ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया.

इससे पहले, झारखंड हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। लालू ने 1990 के दशक में दुमका कोषागार से 3.97 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी करने के चारा घोटाला मामले में जमानत मांगी थी। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की जमानत याचिका खारिज की थी। उन्होंने याचिका खारिज करने के लिए लालू को विशेष सीबीआई अदालत से मिली जेल की सजा का आधा समय भी पूरा नहीं होने को आधार माना।

डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव आरोपी हैं. इस मामले में सीबीआई कोर्ट में आरोपियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं.लालू प्रसाद के बयान दर्ज कराने को लेकर सीबीआई कोर्ट ने रांची के बिरसा मुंडा जेल प्रशासन को प्रोडक्शन वारंट जारी किया था।

बतादें कि चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार (आरसी 47A/96) मामला 139 करोड़ रुपए की अवैध निकासी से जुड़ा हुआ मामला है. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव सहित 111 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं. इनमें पूर्व मंत्री, नौकरशाह और सप्लायर भी शामिल हैं. इस मामले में अभी तक कुल 108 आरोपियों के बयान दर्ज हो चुके हैं, जबकि तीन अन्य आरोपियों का सीबीआई कोर्ट में बयान दर्ज होना बाकी है. रविवार को बिहार के तत्कालीन पशुपालन मंत्री विद्यासागर निषाद का बयान दर्ज हुआ था।


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