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बिहार : मुख्यमंत्री जी! "आपके रिश्तेदार आपका नाम लेकर जमीन हथिया रहे हैं"
कुमार कृष्णन, पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग के मामलों पर सुनवाई की गई। अधिकांश मामले गृह,पुलिस व भूमि से संबंधित केस आये। जनता दरबार के अंतिम समय में केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह पहुंच गये। आरसीपी सिंह के पहुंचने की जानकारी मुख्यमंत्री को लगी। इसके बाद सीएम नीतीश ने तुरंत कहा कि आरसीपी सिंह आ रहे हैं। यहां एक कुर्सी लगा दो।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद फौरन जनता दरबार में सीएम के बगल में एक कुर्सी लगाई गई। केंद्रीय मंत्री आरसीपी ने सीएम नीतीश को अभिवादन कर कुर्सी पर बैठे और कहा कि बहुत देर से जनता दरबार चल रहा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हां अब तक खत्म होने वाला है।
नालंदा से आये एक शख्स ने सीएम नीतीश से कहा कि आपके गांव कल्याण बिगहा के गोतिया-भाई आपके नाम का दुरूपयोग कर रहे। आपके नाम को भूनाकर जमीन का अवैध कब्जा कर रहे हैं। आप इस पर संज्ञान लीजिए। फरियादी की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने बहुत कुछ नहीं बोला और अधिकारियों के पास भेज दिया।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद अपनी सीट पर बैठे नहीं थे। इस दौरान ही सीएम नीतीश ने उनके टेबल पर लगे फोन कर फोन कर दिया। उन्होंने फोन उठाने में देर कर दी। इस दौरान सीएम को क्षण भर के लिए इंतजार करना पड़ा। फोन उठाते ही सीएम नीतीश ने अपर मुख्य सचिव गृह को कहा-दायें-बायें कहां घूमते रहते हैं ? इधर आइए.....फिर वे भागे-भागे मुख्यमंत्री के पासे पहुंचे। सीएम ने कहा कि इस पीड़ित महिला की शिकायत को देखिए और एक्शन लीजिए।
एक युवक ने सीएम नीतीश से कहा कि हुजूर हमारा क्या दोष है ? अगर हमारे पिता नक्सली हैं तो हम दोनों भाईयों को प्राईवेट नौकरी से क्यों निकाल दिया गया...कंपनी ने बताया कि आईबी और पुलिस की रिपोर्ट पर आपको नौकरी से निकाला जा रहा है। आख़िर हमारा क्या कसूर। हमारे पिता नक्सली हैं तो उसकी सजा उन्हें मिले। नौकरी से निकाले जाने के बाद हमारी मां डिप्रेशन में चली गई है। यह शिकायत सुनकर सीएम नीतीश चौंक गये। उन्होंने कहा कि यह बात तो सही कि पिता की सजा पुत्र को क्यों...इसके बाद तुरंत अधिकारियों को फोन लगाकर कहा कि इस मामले को देखिए। शिकायतकर्ता की पूरी बात सुनें और आगे की कार्रवाई करें। आख़िर इसे नौकरी से क्यों निकाला गया।
जेल में हत्या की बात सुन मुख्यमंत्री नीतीश चौंक गये और कहा कि जेल में हत्या कर दिया? फिर से मुख्यमंत्री नीतीश ने पुलिस महानिदेशक को लगाया और कहा कि ये वैशाली से आये हैं। जेल में हत्या हो गई और इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। तुरंत इस मामले को देखिए। वहीं हाजीपुर से आये एक दूसरे व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से कहा कि हाजीपुर नगर थाने की पुलिस कब्जा कराने का ठेका लेती है। नगर थाना की पुलिस एसपी की बात को भी नहीं सुनती। शिकायत सुन मुख्यमंत्री ने पीड़ित व्यक्ति को अपर पुलिस महानिदेशक के पास भेज दिया।
वैशाली के एक शख्स ने मुख्यमंत्री से कहा कि हमारी जमीन को भू-माफियाओं ने कब्जा कर लिया। हमने तीन-तीन बार थाना में आवेदन दिया लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। उल्टे पुलिस ने हमारे बागीचा को भूमाफियाओं से मिलकर कटवा दिया। यह शिकायत सुनकर मुख्यमंत्री ने तुरंत अपर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय को फोन लगाने को कहा। अपर पुलिस महानिदेशक ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद सीएम नीतीश कहा कि वहां बैठे हैं बुलाओ उनको । मुख्यमंत्री के आदेश पर एडीजी को बुलाया गया। अपर पुलिस महानिदेशक के पहुंचते ही मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को देखिए। सीएम नीतीश ने कहा कि फोन क्यों नहीं उठा रहे थे। तब अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि सर...होम सेक्रेट्री के साथ बैठे हुए थे।
धमकी देने वाला कह रहा कि पिता की लाश तो मिल भी गया तुम्हें मारेंगे तो लाश भी नहीं मिलेगा। पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करेगी।यह शिकायत सुन मुख्यमंत्री ने तुरंत पुलिस महानिदेशक को फोन लगाया। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक से कहा कि युवक के पिता की हत्या हुई है लेकिन अपराधी अभी तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं। फिर से धमकी दे रहा है कार्रवाई करिए।
अररिया के फारबिसगंज का एक नौजवान ने मुख्यमंत्री से कहा कि उसने सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार को उजागर किया है। गड़बड़ी उजागर करने के बाद स्थानीय मुखिया ने एक महादलित महिला को आगे कर झूठा केस करा दिया। हमारी रक्षा करिए हुजूर....वे लोग जान के दुश्मन बने हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पीड़ित शख्स अररिया के फारबिसगंज का एक नौजवान ने सीएम नीतीश से गुहार लगाई। शख्स ने सीएम नीतीश से कहा कि वे लोग सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार को उजागर किया है। गड़बड़ी उजागर करने के बाद स्थानीय मुखिया ने एक महादलित महिला को आगे कर झूठा केस करा दिया। हमारी रक्षा करिए हुजूर....वे लोग जान के दुश्मन बने हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पीड़ित शख्स को गृह विभाग के पास भेज दिया। गृह विभाग के पास भेज दिया।