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बिहार: मृत विधायकों की पत्नी के नाम पर पेंशन में फर्जीवाड़ा
फोटो: पेंशन फर्जीबाड़े का खुलासा करनेवाले सूचना अधिकार कार्यकर्ता, शिवप्रकाश राय
पटना: बिहार विधानसभा में मृत विधायकों की पत्नी के नाम पर पेंशन में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा। सूचना के अधिकार के तहत पूरे मामले का खुलासा हुआ है। सूचना के अधिकार से जो जानकारी मिली है उससे पूरे व्यवस्था की पोल खुल गयी है। बक्सर के राजपुर से विधायक रहे रामनारायण राम की पत्नी गीता देवी(फर्जी पत्नी) के नाम पर हर महीने पेंशन मद में 46500 रू खाते में जा रहा है। यह फर्जीवाड़ा 2016 से ही हो रहा है। फर्जीवाड़ा क्या अकेले गीता देवी से संभव है या इसमें इनके परिवार व विधानसभा के कर्मी भी शामिल हैं? अगर जांच हो तो सच से पर्दा उठ जाएगा और बड़े लोग बेनकाब होंगे।
इस पूरे मामले का खुलासा सूचना के अधिकार से हुआ है। बिहार के जाने-माने सूचना अधिकार कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने बिहार विधानसभा सचिवालय से पूछा था कि विधानसभा के पूर्व सदस्य जो पेंशन पाते हैं उनकी मृत्यु के बाद आश्रित पत्नी-पति को पारिवारिक पेंशन दिया जाता है उसकी सूची उपलब्ध करायें। विधानसभा सचिवालय की तरफ से 1 जुलाई 2021 को सूचना अधिकार कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय को सूचना उपलब्ध कराई गई। प्रशाखा पदाधिकारी मणिकांत निराला ने पूरी जानकारी दी। इसी जानकारी से सच से पर्दा उठ गया।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने विधानसभा सचिवालय से पूरे बिहार के बारे में जानकारी मांगी थी। बक्सर जिले में कुल 11 लोगों को पारिवारिक पेंशन दिया जा रहा। इनमें पहले नंबर पर स्व. रामनारायण राम की पत्नी गीता देवी के नाम पर 46500 रू का उठाव हो रहा। इसके अलावे स्वामीनाथ तिवारी को 47000, श्रीकांत पाठक को 47000, स्व. चतुरी राम की पत्नी परमदेई देवी को 35250 रू,स्व. वीर बहादुर सिंह की पत्नी चिंता देवी को 35250 रू,रामश्रय सिंह को 41000 रू, मंजू प्रकाश को 62000, छेदी लाल राम को 47000,अजीत चौधरी को 77000,डॉ दाउद अली को 47000, सुखदा पांडेय को 62000 रू का पेंशन दिया जा रहा है। सूचना अधिकार कार्यकर्ति शिवप्रकाश राय कहते हैं कि यह सरकारी खजाने की लूट है। न जाने ऐसे कितने लोग हैं तो फर्जी पत्नी बनवाकर पेंशन की राशि का उठाव कर रहे। इसमें केवल लेने वाला नहीं बल्कि देने वाला यानी विधानसभा भी कटघरे में है। क्यों कि बिना मिलीभगत के यह संभव नहीं। बिहार विधानसभा सचिवालय पूरे मामले की जांच कराये। अगर विस सचिवालय जांच नहीं कराती है तो पूरे मामले को पटना हाईकोर्ट में ले जायेंगे ताकि फर्जीवाड़ा करने वाले बेनकाब हो सकें। शिवप्रकाश राय कहते हैं कि गीता देवी जिसे स्व. रामनारायण राम की पत्नी बताकर पेंशन लिया जा रहा उसके बारे में भी पता चला है। सरकार जांच नहीं कराती है तो कोर्ट में पूरा साक्ष्य रखूंगा।
स्व. रामनारायण राम की पत्नी जिंदा नहीं हैं। बचपन में ही शादी हुई फिर वो कभी इनके घर नहीं आईं। इस बात की पुष्टि उनके भतीजे सह दत्तक पुत्र व राजपुर विस से कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ही कर रहे। विधायक विश्वनाथ राम का कहना है कि हमारे चाचा की शादी बचपन में ही हो गई थी। इसके बाद पत्नी नहीं आईं। हमारे चाचा रामनारायण राम 1985 से लेकर 1995 तक विधायक रहे थे। 2016 में उनका निधन हो गया। उन्होंने सारी संपत्ति हमें दे दी। यूं कहें कि हम उनके दत्तक पुत्र हैं। उनसे जब पूछा गया कि जब आपके चाचा की पत्नी नहीं हैं तो फिर गीता देवी के नाम पर हर महीने 46500 रू का पेंशन विधानसभा सचिवालय से कैसे जा रहा? इस पर उन्होंने कहा कि यह सब गलत है। बदनाम करने की साजिश है। विधानसभा सचिवालय ने गलत जानकारी दी है। हम जानकारी देने वाले अधिकारी पर केस करेंगे।