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बिहार में लागू शराबबंदी कानून की मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में लिए ये 10 फैसले
कुमार कृष्णन
पटना।बिहार में लागू शराबबंदी कानून की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को सात घंटे तक समीक्षा की। इसमें संबंधित विभाग के अधिकारियों से फीडबैक लिया। इसके बाद प्रेस कॉफ्रेंस कर पुलिस महानिदेशक संजीव कुमार सिंघल ने बैठक में हुए निर्णयों को प्रेस के सामने रखा। उन्होंने बताया कि अब से शराब में निलंवित थाना अध्यक्ष को 10 साल तक थानेदारी नहीं मिलेगी। वहीं, 238 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है और 245 पुलिसकर्मियों पर डिपार्टमेंटल कार्रवाई की गई है। इसके अलावा 654 पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई चल रही है और 335 पुलिसकर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
गृह सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा सरकारी कर्मियों और अधिकारियों की शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। प्रचार प्रसार पर विशेष बल दिया गया है। साथ ही झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल से जो शराब आ रहे हैं उसको रोकने के लिए जाए विशेष नजर रखने की व्यवस्था की गई है। प्रभारी जिला सचिव को लगातार फील्ड का दौरा करना होगा।इसके अलावा उन्होंने कहा कि शहरों में होम डिलीवरी करने वाले की पहचान होगी। लगातार छापेमारी अभियान चलाया जाएगा। दूसरे राज्यों से शराब की तस्करी रोकने पर बैठक में चर्चा हुई है। स्थानीय स्तर पर अधिकारियों पर कार्रवाई होगी और जानकारी देने वालों की पहचान गुप्त रहेगी।
वहीं, इंटेलिजेंस मशीनरी को दुरुस्त करना है। शराब कारोबार करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। शराब होम डिलीवरी करने वालों पर कार्रवाई होगी और शराब वरामद होता है तो थानाध्यक्ष निलंबित होंगे। मुख्यालय में हर दूसरे दिन समीक्षा होगी। इसकी समीक्षा पुलिस और उत्पाद विभाग के अधिकारी मिलकर करेंगे। सभी लोगों की जिम्मेदारी तय होगी।
बैठक में लिए
ये है 10 फैसले;
1.बॉर्डर इलाके में शराब मिलने पर बॉर्डर ब्लॉक होगा।
2 . शराब तस्करी में शामिल कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई होगी।
3.प्रभारी मंत्री, सचिव जिले में हर महीने समीक्षा करेंगे।
4.इंटेलिजेंस मशीनरी दुरुस्त की जाएगी।
5.सेंट्रल टीम राज्य भर में छापेमारी करेगी।
6 .सेंट्रल टीम के छापेमारी में शराब बरामद पर थानाध्यक्ष निलंवित होंगे।
7.होम डिलीवरी को लेकर अभियान तेज और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
8.मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक तथा बड़े अफसर लगातार समीक्षा करेंगे।
9.चौकीदार को गांव में शराब की सूचना देनी होगी।
10. सूचना नहीं देने पर चौकीदार पर सख्त कार्रवाई।
बैठक में सभी जिलों के जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी इस शराबबंदी की बैठक में वर्चुअल तरीके से जुड़े थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक-एक कर अधिकारियों से फीडबैक लिया। सभी अधिकारियों के फीडबैक और सुझाव लेने के बाद मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से भी राय मशवरा करने के बाद इन निर्णयों पर पहुंचे।