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इस सिपाही को अपनी ड्यूटी 31 साल, पांच महीने और 29 दिन बाद याद आई है। इतने समय तक नौकरी करने वाले ज्यादातर कर्मी और अधिकारी सेवानिवृत हो जाते हैं। इस घोर लापरवाही पर सिपाही रविभूषण को रेल एसपी ने बर्खास्त कर दिया। एसपी ने नौ मार्च को उक्त सिपाही को बर्खास्त किया।
बर्खास्त किये गये सिपाही रविभूषण रेल जिला जमालपुर में पदस्थापित था। जुलाई 1988 में रेल एडीजी ने उसका तबादला भागलपुर पुलिस जोन में कर दिया गया था। उसे उसी महीने वहां से विरमित भी कर दिया गया। उसके बाद से उसका पता ही नहीं चला। 16 जून 1991 को वह भागलपुर जोनल कार्यालय पहुंचा जहां से उसे दुमका जिला बल में योगदान देने का निर्देश दिया गया। सिपाही ने दुमका में योगदान ही नहीं दिया।
संयुक्त राज्य में हुआ था तबादला, झारखंड बनने के 20 साल बाद योगदान पत्र भेजा10 अगस्त 2019 को सिपाही ने रजिस्ट्री डाक से एसपी दुमका को योगदान प्रतिवेदन भेजा और 14 जनवरी 2020 को रेल एसपी जमालपुर को संबंधित योगदान प्रतिवेदन एडीजी रेल को भी रजिस्ट्री डाक से भेज दिया। सिपाही से शो-कॉज भी हुआ। विभागीय कार्रवाई चलाई गई। जांच में उसे दोषी पाया गया। अनुशासनहीनता और इस घोर लापरवाही को देखते हुए रेल एसपी जमालपुर ने उसे बर्खास्त कर दिया। जमालपुर रेल एसपी आमिर जावेद का कहना है कि इतने लंबे समय तक ड्यूटी से गायब रहने वाला सिपाही बर्खास्त ही होगा।