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बिहार में बिजली की नई दरों की घोषणा होने वाली है। एक अप्रैल से प्रभावी होने वाली नई बिजली दर की औपचारिक घोषणा 25 मार्च को होगी। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने नई बिजली दर घोषित करने की पूरी तैयारी कर ली है। बिजली कंपनी ने आयोग से 10 फीसदी बिजली दर वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। देखना होगा कि आयोग कंपनी के प्रस्ताव पर बिजली दरों में वृद्धि करती है या नहीं।
आयोग के अधिकारियों के अनुसार कंपनी की ओर से दी गई याचिका पर गहन मंथन हुआ है। आम लोगों से राय ली जा चुकी है। ऑनलाइन व ऑफलाइन में लोगों ने बिजली कंपनी के प्रस्ताव का विरोध ही किया है। सबों ने तर्क दिया था कि कंपनी अपना नुकसान कम करे तो बिजली और सस्ती हो जाएगी। जबकि कंपनी ने तर्क दिया था कि राज्य के 17 लाख ऐसे उपभोक्ता हैं, जो एक साल से बिजली बिल जमा नहीं कर रहे हैं। कोरोना का हवाला देते हुए कंपनी ने कहा कि आयोग चाहकर भी लोगों पर कठोर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
नुकसान बहुत अधिक है
बिजली कंपनी को अपना नुकसान 15 फीसदी पर लाना है पर वास्तविक स्थिति इससे इतर है। वर्ष 2016-17 में कंपनी का तकनीकी व व्यवसायिक नुकसान 37.91 फीसदी था जो 2017-18 में घटकर 31.06 फीसदी और 2018-19 में कम होकर 28.96 फीसदी हो गया। लेकिन साल 2019-20 में उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ी तो नुकसान फिर बढ़ गया। वर्ष 2019-20 में कंपनी का नुकसान 35.12 फीसदी पहुंच गया। वर्ष 2020-21 में यह नुकसान 32.16 फीसदी तक आ गया। मौजूदा वित्तीय वर्ष में यह नुकसान 30 फीसदी से अधिक होने का अनुमान है। यानी, आयोग ने जो कंपनी को लक्ष्य दिया है, उससे दोगुना नुकसान अब भी हो रहा है। इस दृष्टि से देखें तो कंपनी की ओर से बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव नामंजूर होना तय है। लेकिन अब यह आयोग पर निर्भर करता है कि वह कंपनी के प्रस्तावों को मानकर बिजली दरों में वृद्धि करे या उपभोक्ता हित में कंपनी के प्रस्ताव को खारिज कर दे। यह आयोग के फैसले पर ही निर्भर करता है।
बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा ने कहा है कि नई बिजली दर की घोषणा 25 मार्च को होगी। आयोग मंथन कर रहा है। आम लोगों से ली गई राय और कंपनी की ओर से पेश किए गए दस्तावेजों के आधार पर ही नई दर घोषित होगी।