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एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पूर्व DSP ने घर पर गोली मारकर की आत्महत्या, पडोसी पर केस दर्ज
बिहार की राजधानी पटना में एनकाउंटर स्पेलिस्ट रह चुके रिटायर्ड डीएसपी के.चंद्रा ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से घर में गोली मारकर खुदकुशी कर ली। बेउर थाना में मंगलवार को उन्होंने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से सिर में गोली मार ली जिसके बाद उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस घटना के बाद पुलिस महकमे और उनके परिवार में खलबली मच गई है। घटना के समय के.चंद्रा का पूरा परिवार अपने घर के ग्राउंड फ्लोर पर था। वहीं, रिटायर्ड डीएसपी अपने घर के फर्स्ट फ्लोर पर थे।घर में अचानक गोली चलने की आवाज सुन उनके बेटे ऊपर गए तो देखा पिता खून से लथपथ हैं और हाथ में पिस्टल है।
इस केस के बाद के चंद्रा का एक सुसाइड नोट मिला था जिसमें उनके मोहल्ले मित्रमंडल कॉलोनी फेज 2 के पड़ोसी संतोष सिन्हा पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है। के चंद्री ने अपनी डिप्रेशन का हवाला देते हुए एक महीने से नींद न आने की बात भी इस सुसाइड नोट में लिखी है। उन्होंने नोट में अपने बेटे को पासबुक, पिस्टल लाइसेंस समेत कई काम के लिए कुछ बातें पूरी करने को भी लिखा है। इसी सुसाइड नोट के आधार पर उनके बेटे एडवोकेट श्रेष्ठ ने बेऊर थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस केस की गहराई से तफ्तीश में जुटी है।
बेऊर थाना पुलिस ने बैंक के अधिकारी पद से रिटायर पड़ोसी संतोष सिन्हा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। के चंद्रा के बेटे निश्चय वशिष्ठ ने आरोप है कि संतोष सिन्हा ने ही उनके पिता को खुदकुशी के लिए उकसाया था। हालांकि रिटायर डीएसपी ने कभी भी स्थानीय थाने में पड़ोसी के खिलाफ कोई शिकाय नहीं की थी। लेकिन खुदकुशी नोट में इस बात का जिक्र किया है कि वह पड़ोसी संतोष की आदत की वजह से काफी परेशान रह रहे थे। रिटायर डीएसपी ने खुदकुशी नोट में कहा है कि पड़ोसी की हरकतों की वजह से वह 16 साल से ठीक से सो भी नहीं पा रहे थे, जिससे वह लगातार डिप्रेशन में जा रहे थे। इन्हीं सारी बातों से परेशान होकर उन्होंने खुदकुशी जैसा कदम उठा लिया है।
परिवार के सदस्यों से पूछताछ में पता चला है कि रिटायर डीएसपी के चंद्रा ने नगर निगम में भी पड़ोसी संतोष की शिकायत की थी, लेकिन वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। खुदकुशी नोट में भी इस बात का जिक्र है कि नगर निगम ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। खुदकुशी नोट में के चंद्रा ने लिखा है कि पड़ोसी संतोष ने उनके घर के सामने वाली रोड पर राबिश गिरवा कर रोलर चलवा दिया है। इस वजह से वहां जलजमाव होता है, जिससे वे हमेशा डरे रहते हैं कि बरसात में उनके घर के किसी की जान उसी जलजमाव के चलते हो जाएगी। बेऊर थाना प्रभारी ने बताया पुलिस नगर निगम पर लगे आरोपों की भी जांच करेगी।
माना जाता है कि डीएसपी के चंद्रा ने अपने सर्विस काल में करीब 64 एनकाउंटर किए, जिसमें से ज्यादादर मोकामा टाल क्षेत्र के ही हैं। इसके अलावा इन्होंने नौबतपुर इलाके में भी अपराध को खत्म करने में अहम रोल निभाया। डीएसपी के चंद्रा ने अपने सर्विस काल में अपराधियों की धर-पकड़ के दौरान दो बार गोली भी खाई। वे दोनों बार गोली लगने से घायल तो हुए लेकिन उनकी जान बच गई। रिटायरमेंट के बाद पड़ोसी संतोष की हरकतों से वह परेशान होकर डिप्रेशन में चले गए।