- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
RJD सुप्रीमो लालू को नहीं मिली जमानत, अब 6 सप्ताह बाद होगी सुनवाई
चारा घोटाले के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में अब छह सप्ताह बाद सुनवाई होगी। शुक्रवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से अदालत को बताया गया कि लालू प्रसाद की सजा की अवधि अभी आधी हुई या नहीं, इसका रिकॉर्ड अभी पूरी तरह सत्यापित नहीं हो सका है।
साथ ही सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए जिन बिंदुओं को उठाया है, उसका जवाब भी दाखिल किया जाएगा। इसके लिए वह पूरक शपथपत्र दाखिल करेंगे। इसके लिए समय की जरूरत है। सीबीआई की ओर से भी कुछ अन्य कारण का हवाला देते हुए दूसरे दिन सुनवाई करने का आग्रह किया गया। इस पर जस्टिस अपरेश सिंह की अदालत ने आग्रह स्वीकार करते हुए सुनवाई छह सप्ताह बाद निर्धारित कर दी।
बता दें कि शुक्रवार की सुनवाई से पहले गुरुवार को सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट में पूरक शपथपत्र दाखिल किया था। सीबीआई ने शपथपत्र में कहा था कि लालू ने लगातार जेल नियमावली का उल्लंघन किया है और उनकी तबीयत भी अब स्थिर है। इसलिए, उन्हें राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स), रांची से बिरसा मुंडा जेल भेज देना चाहिए।
पिछली सुनवाई के दौरान भी सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए दावा किया था कि लालू प्रसाद की आधी सजा पूरी नहीं हुई है, इसलिए जमानत का लाभ नहीं मिल सकता। इस पर हाईकोर्ट ने निचली अदालत और जेल के रिकॉर्ड की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया था और यह बताने को कहा था कि आधी सजा पूरी हुई है या नहीं।
यदि लालू प्रसाद को आज जमानत मिल जाती तो वह जेल से बाहर निकल जाते। उनके खिलाफ झारखंड में चारा घोटाले के पांच मामले चल रहे हैं। चार में उन्हें सजा सुनाई गई है। इनमें तीन में उन्हें आधी सजा काटने पर जमानत मिल गई है। एक मामले में अभी सीबीआई कोर्ट में ट्रायल चल रहा है।