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बिहार में बाढ़ से लाखों लोग परेशान,संचार व्यवस्था हुई ठप, नावों की डिमांड बढ़ी
पटना। बिहार में बाढ़ की हालत बहुत खराब है और इससे भी ज्यादा खराब पीड़ितों की है। संचार सुविधाएं ठप है। प्रशासन और पीड़ितों के बीच संबंध टूट जाने से राहत का कार्यक्रम बाधित हो गया है। कुरसेला में हालत और ज्यादा खराब है। बीमार लोगों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जाना सबसे ज्यादा मुश्किल काम ही गया है।
पूर्व सांसद और वरिष्ठ गांधीवादी समाज कर्मी नरेश यादव का कहना है कि मेरे गांव का भयावह दृश्य है । पूरे कुरसेला प्रखंड में इससे भी बुरा हाल है। मैं बार-बार टेलीफोन करना चाहता हूं लेकिन ना जिला, ना प्रखंड टेली फोन रिसीव कर पा रहा है।
उन्होंने कहा कि मेरे गांव से रेल लाइन डेढ़ किलोमीटर है जहां की सड़क पर कमर के ऊपर पानी भरा है। सड़क पर तेज करंट के कारण गिट्टी उखड़ गया है जिस पर चलना मुश्किल है। बार-बार नाव के लिए गुहार लगा रहा हूं कोई सुनने वाला नहीं है। अगर कोई दुर्घटना हो जाए या सर्पदंश हो जाए हॉस्पिटल जाने के पहले ही रोगी मर जाएगा।
उन्होंने सभी जन प्रतिनिधि एवं प्रशासन से विनती की है कि तुरंत नाव की व्यवस्था करें, जिससे कोई अप्रिय घटना ना घटे कृपया इस बाढ़ के समय कोई पक्षपात ना करें जात पात ना करें वरना प्रशासन कुछ नहीं बिगाड़ सका तो भगवान जरूर बिगड़ेगा। मवेशी कई दिनों से पानी में खड़ा है। चारा की कोई व्यवस्था नहीं है अगर है भी तो प्लेटफार्म पर गांव को देखने वाला कोई नहीं है। इससे अच्छा तो अनिल चमडिया जी कोरोना काल में जिला से गांव तक राशन उचित मूल्य पर घर तक पहुंचाते थे।
जिला पदाधिकारी जी अगर हो सके तो NGO का सपोर्ट लीजिए प्रशासन बिल्कुल फेल है। कृपया मेरे बात अन्यथा ना लें तुरंत नाव की व्यवस्था करें जिससे कि लोग मुख्य सड़क एवं रेल तक अस्पताल तक आ जा सके क्योंकि महिलाओं को अत्यंत कष्ट हो रहा है मेरे सामने कई महिलाएं राशन लाते हुए गिर गई है। इस त्राहिमाम संदेश को सुनिए कुछ कीजिए।