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मुंगेर। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम से संबंधितजिला स्तरीय समिति की बैठक जिलापदाधिकारी की अध्यक्षता में हुई। समिति के समक्ष 93 कांड को रखा गया।जिला कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि 07 मामलों में प्रस्ताव प्राप्त नही हुआ है।निदेेश दिया गया कि प्रो एक्टिव होकर पीड़ित से जाति प्रमाणपत्र ,प्राथमिकी, और आधार सम्बन्धित दस्तावेज की व्यवस्था करे।जिला पदाधिकारी ने कहा कि पीड़ित द्वारा प्राथमिकी करने के एक माह के भीतर जिला पुलिस मुख्यालय से प्रस्ताव आ जानी चाहिए।
आरोप पत्र भी अविलम्ब कल्याण शाखा में भेजने का निदेश दिया गया। उन्होंने निदेश दिया कि 6 माह से ज्यादा के लंबित मामले में सम्बन्धित थानाध्यक्ष से पृच्छा करे।जिला कल्याण पदाधिकारी और उपाधीक्षक मुख्यालय विशेष लोक अभियोजक के साथ समन्वय स्थापित कर कांडवार समीक्षा कर ले।पुलिस मुख्यालय स्तर से लंवित सभी मामलों में अविलम्ब प्रस्ताव और आरोप पत्र जमा करने का निदेश दिया गया।
विशेष लोक अभियोजक सभी विकासमित्रों एवं समिति के सदस्यों को अधिनियम के विभिन्न धाराओं की जानकारी और प्रशिक्षण देंगे।कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुसूचित जाति जनजाति के बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर जोड़ने का निदेश दिया गया।
उन्होने कहा कि शिक्षा इनकी पहली आवश्यक चीज़ है इसके बाद आर्थिक लोन मुहैया कराकर आत्म निर्भर बनाये।जीविका, आशा ,मनरेगा से उन समूहों को जोड़े।एट्रोसिटी अधिनियम केलिए जिले में नोडल पदाधिकारी राजकुमार प्रखंड कल्याण पदाधिकारी नामित है जो पीडितों को न्याय /आर्थिक मुआवजा दिलाने में प्रत्येक चरण में सहयोगी बनेगा।और उनकी जिम्मेवारी रहेगी कि समय पर उन्हें मुआवजा राशि मिल जाये।
बैठक में अपर समाहर्ता, पुलिस उपाधीक्षक, मुख्यालय, जिला कल्याण पदाधिकारी, माननीय विद्यायक के प्रतिनिधि गण विशेष लोक अभियोजक सहित समिति के सदस्य,राजेशदास, गौरीजी तथा अन्य उपस्थित थे।,