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चमकी बुखार (ईंसफेलाईटिस) से पायें घरेलू तरीके से निजात, नहीं होगा आपका बच्चा बीमार
बिहार में AES का कहर रोक पाने में राज्य का स्वास्थ्य महकमा अब तक विफल रहा है। ऐसे में आम लोगों के साथ ही अब सत्ता पक्ष के लोग भी यज्ञ और हवन के सहारे महाकाल को प्रसन्न करने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में कटिहार के दुर्गा स्थान मंदिर में यज्ञ और हवन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में शहर के गणमान्य लोगों के साथ ही बीजेपी के जिला अध्यक्ष ने भी भाग लिया। हालांकि उन्होंने कहा कि AES पर रोक लगाने के लिए सरकार आवश्यक उपाय कर रही है, मगर इस त्रासदी से निपटने के लिए वे लोग भगवान की शरण में हैं। वहीं पंडित ने कहा कि महाकाल को हवन के माध्यम से संतुष्ट कर इस प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए विशेष पूजा और हवन का आयोजन किया गया है।
कहर बरपा रहा AES
आपको बता दें कि बिहार में इन दिनों AES कहर बरपा रहा है। इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आने से अब तक मुजफ्फरपुर में 120 मासूम की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर के अलावे भी कई जिलों में बच्चों की मौत इस बीमारी के कारण हुई है।
चमकी बुखार से बच्चो को बचाने के लिऐ बच्चो को
1- धूप से दूर रखे।
2-अधिक से अधिक पानी का सेवन कराऐ।
3-हलका साधारण खाना खिलाऐ ,बच्चो को जंक फुड से दुर रखे।
4-खाली पेट लीची ना खिलाऐ।
5-रात को खाने के बाद थोडा मीठा ज़रूर खिलाऐ।
6-घर के आसपास पानी जमा न होने दे ।किटनाशक दवाओ का छिरकाओ करे।
7-रात को सोते समय मछर दानी का ईस्तेमाल करे ।
8- पूरे बदन का कपड़ा पहनाऐ।
9-सड़े गले फल का सेवन ना कराऐ ।ताज़ा फल ही खीलाऐ।
10- बच्चो के शरीर मे पानी की कमी ना होने दें।अधिक से अधिक बच्चो को पानी पीलाऐ ।
लक्षण :-
बच्चो को -
1-अचानक तेज बुखार आना।
2-हाथ पेर मे अकड़ आना/टाईट हो जाना ।
3-बेहोश हो जाना।
4-बच्चो के शरीर का चमकना/शरिर का कांपना ।
5-शरीर पे चकत्ता निकलना ।
6-गुलकोज़ का शरीर मे कम हो जाना ।
7-शुगर कम हो जाना। ईत्यादि
ईंसफोलाईटिस/ चमकी बुखार
यह बिमारी 10 साल तक के बच्चो को अधिक अटेक कर रहा है। आप अपने बच्चो का पुरा ध्यान रखे ,कोई भी लक्षण नज़र आइऐ, तो शिघ्र अस्पताल पहुचे / डाक्टर से संर्पक करे।
इस भयंकर बुखार से बिहार में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है।
जागरुकता फैलाने मे आप सहयोग करे और अधिक से अधिक शेयर करे और नन्हे नवजातो की जान बचाने मे एक छोटा सा पहल करे ।