मुजफ्फरपुर

चमकी बुखार के लिए एस्बेस्टस की छत भी जिम्मेदार? एम्स के डॉ ने किया चौंकाने वाला खुलासा

Special Coverage News
30 Jun 2019 4:30 AM GMT
चमकी बुखार के लिए एस्बेस्टस की छत भी जिम्मेदार? एम्स के डॉ ने किया चौंकाने वाला खुलासा
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बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या लगभग 180 के आसपास पहुंच चुकी है. बारिश के बाद कुछ दिन के लिए हालात में सुधार आया था लेकिन शनिवार को बच्चों की मौत की खबर आई. इसी बीच चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का इलाज करने वाले डॉक्टरों की टीम ने अपनी एक रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में उन्होंने इशारा किया है कि एस्बेस्टस के घरों में रहना भी इस बीमारी का एक कारण हो सकता है.

मुजफ्फरपुर स्थित श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में बच्चों का इलाज करने के लिए पहुंची एम्स दिल्ली के डॉक्टरों की टीम ने उन बच्चों के घरों का दौरा किया जो चमकी की बुखार की चपेट में आकर अपना दम तोड़ दिए थे. मुजफ्फरपुर में ही इस बुखार का असर सबसे अधिक था.

एसबेस्टस भी एक बड़ा कारण

डॉक्टरों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि लगातार हो रही बच्चों की मौत के पीछे कुपोषण और जागरूकता की कमी के अलावा घरों में एसबेस्टस (सीमेंट से बनी) की छत को भी एक बड़ा कारण है. इन घरों का तापमान रात में भी कम नहीं होता है. एसबेस्टस की छत के नीचे रहने वाले अधिकतर बच्चे उमस भरी गर्मी की चपेट में आने के बाद चमकी बुखार से पीड़ित हुए.

प्रभावित क्षेत्र के बच्चों को नहीं लगा था जापानी इंसेफेलाइटिस का टीका

डॉक्टरों ने यह भी पाया कि चमकी बुखार के चपेट में आए इलाके के बच्चों को जापानी इंसेफेलाइटिस का वैक्सीन (टीका) नहीं लगाया गया था. इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का मस्तिष्क प्रभावित होता है और इसका सबसे ज्यादा असर 10 साल से कम बच्चों पर ज्यादा होता है.

राज्य सरकार अगले सप्ताह देगी जवाब

जिन घरों में डॉक्टर पहुंचे थे वहां ज्यादातर घर में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं थी और साफ-सफाई की स्थिति भी चिंताजनक थी. डॉक्टरों की रिपोर्ट पर बिहार सरकार राज्य के दोनों सदनों में अगले सप्ताह तक विस्तृत जवाब दे सकती है.

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