मुजफ्फरपुर

पांच वर्ष तक जिंदगी से लड़ते हार गया जितेंद्र,राजकीय सम्मान के साथ दी गई शहीद को अंतिम विदाई

Special Coverage News
14 Aug 2019 11:50 AM IST
पांच वर्ष तक जिंदगी से लड़ते हार गया जितेंद्र,राजकीय सम्मान के साथ दी गई शहीद को अंतिम विदाई
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शिवानन्द गिरी

मुजफ्फरपुर- भारत माता की जय, वीर शहीद की जय ,जबतक सूरज चांद रहेगा ,जितेंद्र तेरा नाम रहेगा के नारों के बीच आगे-आगे फौज की गाड़ी जिसपर देश के उस नौजवन का पार्थिव शरीर था जिसने जिंदगी की आखिरी सांसें देश के नाम कर दी थी।

चारों ओर भारत माता की जय, वीर शहीद की जय का नारा बुलंद हो रहा था। लोग हाथों में तिरंगा लेेकर शव के पीछे दौड़ रहे थे। माता- पिता की आंखें भले ही नम थीं, लेकिन तिरंगा मेें लिपटे अपने पुत्र का पार्थिव शरीर देख उनका सीना गर्व से फुले नहीं समा रहा था। उन्हें इस बात का गर्व था कि उनके लाल ने देश के लिए अपनी जान दे दी है। शहीद जवान का थाना क्षेत्र की दुबहा पंचायत के जमुआरी सति मंदिर के निकट अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। मौके पर अधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।




गौरतलब है कि सकरा थानांतर्गत दुबहा निवासी सुहावन शर्मा के पुत्र जितेंद्र कुमार वर्ष 2012 में सीआरपीएफ भोपाल रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। कुछ ही दिनों बाद वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ नक्सली हमला आइडी ब्लास्ट में बुरी तरह घायल हो गए थे। उन्हें दिल्ली स्थित एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहां पांच वर्षों तक जिंदगी और मौत से लड़ते-लड़ते आखिरी सांस ली। जितेंद्र तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। रविवार की रात दिल्ली से पटना इंडिगो एयरलाइंस से उनके पार्थिक शव को लाया गया जहां पटना एसपी कुमार रवि, जिलाधिकारी गरिमा मलिक सहित तमाम अधिकारियों ने सलामी देकर शव को उनके आवास दुबहा को रवाना किया।

इधर, गांव में शव आते ही मातम पसर गया। लोगों में गुस्सा भी था, मगर गौरान्वित थे कि मेरे लाल ने देश की सुरक्षा में अपनी जान न्योछावर कर दिया। रात होने के कारण पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार आज किया गया जिसमें जिला प्रशासन की ओर से डीएसपी गौरव पांडेय, सकरा सीओ पंकज कुमार, थानाध्यक्ष राजेश कुमार, झपहां स्थित सीआरपी कैंप के वरिष्ठ अधिकारी, सकरा राजद विधायक लालबाबू राम, जदयू जिलाध्यक्ष हरिओम कुशवाहा, उपप्रमुख मदन प्रसाद सिंह आदि ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की.

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