मुजफ्फरपुर

क्या मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की तपिश में अब और भी नेता झुलसने वाले है, इस कारण ही मुख्य गवाह गायब की गई

Special Coverage News
25 Feb 2019 9:47 PM IST
क्या मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की तपिश में अब और भी नेता झुलसने वाले है, इस कारण ही मुख्य गवाह गायब की गई
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मोकामा शेल्टर होम से भागी सात लड़कियाँ में जिस एक लड़की कि बरामदगी नहीं हुई है वो लड़की मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का मुख्य गवाह है.जिसको ट्रैफिकिंग करके ब्रजेश ठाकुर अपने होम में लाया था. सबसे ज्यादा शाररिक शोषण इसी लड़की का हुआ था. यही लड़की बताई थी कि किस तरीके से ब्रजेश ठाकुर शेल्टर होम कि लड़कियों को परोसता था. कौन कौन अधिकारी और राजनेता इस खेल में शामिल है. लेकिन वही लड़की अब तक बरामद नहीं हुई है.

ये लड़की मोकामा है. समाज कल्याण विभाग और सीबीआई को छोड़कर किसी को भी पता नहीं था. मुजफ्फरपुर स्लेटर होम मामले की मुख्य गवाह कि खोज के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया गया है जिसमें तीस से अधिक पुलिस अधिकारी को लगाया है. अभी तक के जॉच में ये जानकारी मिली है कि सभी लड़कियां मोकामा सेल्टर होम के मुख्य गेट से ही बाहर निकली है.इस बीच ये खबर आ रही है कि सीबीआई दो तीन दिन में सभी गवाह का दिल्ली सिफ्ट करने वाली थी. जो भी इस खेल में शामिल है उसे पता था कि गवाह को बिहार से हटाने वाली है. वही दूसरी और साकेत पोस्को कोर्ट [नई दिल्ली ] में सुनवाई शुरु हो गयी है और आज सभी अभियुक्तों के खिलाफ चार्ज फ्रेम हो गया है और बुधवार से ट्रायल शुरु हो जायेगा.


वहीं पत्रकार रवीश कुमार ने लिखा मुज़्फ्फरपुर बालिका गृह कांड में केस को भटकाने का भयंकर खेल चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को एक दिन की सज़ा भी सुनाई, केस को दिल्ली ट्रांसफ़र किया फिर भी सत्ता तंत्र अपना खेल खेले जा रहा है. उसे सुप्रीम कोर्ट का भी भय नहीं है। चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई ने कितनी नाराज़गी जताई थी इसके बाद भी इस केस के गवाहों की सुरक्षा का इंतज़ाम ठीक नहीं है.

कशिश न्यूज पर ख़बर चलाई है कि भागी या भगाई गईं सात लड़कियों में एक अभी भी लापता है. यह सातवीं लड़की ही मुख्य गवाह है. उसी के बयान पर सारा केस टिका है. उसकी सुरक्षा को लेकर चिन्ता हो रही है. कशिश न्यूज टाटा स्काई पर 536 नंबर पर है. व्हाट्स एप में लोग पूछ रहे हैं कि आपने ये ख़बर देखी? बात यह है कि जब सुप्रीम कोर्ट की निगरानी और सख़्ती का ही ख़ौफ़ नहीं बचा तो देखना भी न देखने के जैसा हो जाता है.

इस ख़बर को लगातार कवर करते रहने वाले संतोष सिंह ने अपने पेज पर लिखा है कि उन्हें ख़ामोश रहने की नसीहत दी जा रही है. जो आप उपर पढ़ चुके है.

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