- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- बिहार
- /
- मुजफ्फरपुर
- /
- एक बार फिर से चमकी...
एक बार फिर से चमकी बुखार से भयभीत हैं मुज़फ़्फ़रपुर के लोग, 4 की हुई मौत
मुजफ्फरपुर./पटना(न्यूज़ डेस्क)
मुज़फ़्फ़रपुर में चमकी बुखार का असर एक बार फिर से शुरू ही गया है और 4 बच्चों की मौत से लोग काफी भयभीत हो गए है। चमकी बुखार (एईएस) से पीड़ित चार बच्चों की मौत रविवार को एसकेएमसीएच के पीआईसीयू वार्ड में हो गई। इनमें कांटी की दो वर्षीय सोनाक्षी कुमारी, सीतामढ़ी के सुरसंड के एक वर्षीय रितू कुमार, धमौली मोतिहारी की राजकुमारी और करजा थाना के बथना गांव के हिमांशु कुमार शामिल हैं। रितू को 27 अगस्त को भर्ती किया गया था। वहीं, सोनाक्षी को शनिवार की शाम भर्ती कराया गया था।
डॉक्टर ने बताया कि प्रोटोकॉल के तहत सभी का इलाज चल रहा था। इस दौरान बच्चों की मौत हो गई। ब्लड रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविकता सामने आएगी। आमतौर पर सितंबर माह में इस बीमारी से मौत सामने नहीं आती थी। लेकिन, इस साल गर्मी की शुरुआत के साथ ही जो सिलसिला शुरू हुआ वो अब तक नहीं थमा है। पिछले एक हफ्ते से उमस और गर्मी ज्यादा होने के बाद बीमारी एक बार फिर पांव पसारने लगी है। इससे अस्पताल प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।
तमाम प्रयासों के बाद भी नहीं थम रही बीमारी
हैरानी की बात तो यह है कि इस साल मई-जून में डेढ़ सौ से अधिक बच्चों की मौत के बाद केंद्र और राज्य सरकार ने कई कदम उठाए। अस्पताल की व्यवस्था बढ़ाई गई। वहीं, गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही पीएचसी स्तर पर इलाज के इंतजाम के भी निर्देश दिए गए। लेकिन, तमाम प्रयासों के बाद भी बीमारी थम नहीं रही है।