बिहार

नीतीश कुमार का अनोखा फैन, हर जीत पर काटता है एक अंगुली, अब तक चार उंगलियों की दे चुका है बलि

Arun Mishra
24 Nov 2020 4:45 AM GMT
नीतीश कुमार का अनोखा फैन, हर जीत पर काटता है एक अंगुली, अब तक चार उंगलियों की दे चुका है बलि
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पिछले तीन बार से नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही यह सनकी हांथ की उंगली काट कर खुशी का इजहार करता है.

जहानाबाद : बिहार में नई सरकार के गठन को लोग अलग-अलग तरीके से सेलिब्रेट कर रहे हैं. एनडीए (NDA) के नेता जहां मंदिरों में पूजा अर्चना कर, पटाखे जलाकर, मिठाईयां बांटकर इस जीत को उत्सव के तौर पर मना रहे हैं तो वहीं बिहार में एक ऐसा भी शख्स का नाम आया है जिसने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के फिर से सीएम बनने की खुशी में अपने हाथ की उंगली काट दी.

बिहार के जहानाबाद जिले का रहने वाला ये युवक नीतीश कुमार का इतना बड़ा फैन है कि उनकी हर जीत पर अपनी उंगली काट देता है. बिहार में नीतीश सरकार बनने की खुशी में एक बार फिर से इस सनकी युवक ने अपने हाथ की उंगली को काटकर खुशी मनाई. पिछले तीन बार से नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही यह सनकी हांथ की उंगली काट कर खुशी का इजहार करता है.

जहानाबाद जिले के घोसी थाना क्षेत्र के वैना गांव के इस 45 साल के शख्स का नाम अनिल शर्मा उर्फ अलीबाबा है जो इस बार फिर से उंगली काटकर सुर्खियों में है. अनिल शर्मा ऊर्फ अली बाबा ने 2005 में सबसे पहले अपनी उंगली काट कर गौरेया बाबा को चढ़ाई थी और इसके बाद से ये सिलसिला जारी है. 2010 में अनिल ने नीतीश की जीत पर अपने हाथ की दूसरी उंगली काट दी. नीतीश कुमार जब 2015 में सीएम बने तब भी अनिल शर्मा ने अपनी एक और यानि तीसरी उंगली काटकर गौरैया बाबा को चढाया और इस बार भी नीतीश की ताजपोशी होते ही उसने फिर वही काम किया.

उंगली काटे जाने की सूचना पर पहुंचे मीडिया वालों को उसने कहा कि अगर इस बार नीतीश कुमार की सरकार नहीं बनती तो वो अपनी गर्दन भी काट लेता. उसने बताया कि जिस तरह से एग्जिट पोल में नीतीश कुमार को हारते हुए दिखाया जा रहा था उससे वह इतना गमगीन हो गया कि उसने 4 दिनों तक है खाना पीना भी छोड़ दिया था. अनिल ने बताया कि वो नीतीश कुमार की जीत की खुशी में अपनी उंगली काटता रहता है.युवक की उंगली काटे जाने की सूचना पर बड़ी संख्या में ग्रामीण उसके घर के पास जमा हो गए लेकिन अनिल ने बताया कि जब तक सीएम उससे नहीं मिलेंगे वो अपना इलाज भी नहीं कराएगा. अनिल के गांव के ग्रामीणों ने बताया कि वो कहीं बाहर काम करता था लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही गांव आकर उसने अपनी संपत्ति बेची और फिर नीतीश कुमार का प्रचार करने लगा.


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