पटना

बिहार में 400 पुलिसकर्मियों की चली गई थानेदारी

Special Coverage News
9 Aug 2019 2:07 PM GMT
बिहार में 400 पुलिसकर्मियों की चली गई थानेदारी
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बिहार में पुलिस विभाग ने दागी पुलिसकर्मियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए चार सौ पुलिसवालों

शिवानन्द गिरी

पटना, बिहार में 400 से अधिक दागी पुलिसकर्मियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 400 से अधिक थानेदारों और दारोगाओं को ड्यूटी से हटा दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार राज्य में दागी इंस्पेक्टरों की संख्या करीब 800 है। पुलिस मुख्यालय राज्य के सभी थानों में 15 अगस्त से अपराध नियंत्रण व विधि-व्यवस्था और अनुसंधान विंग अलग-अलग काम करने लगेंगे। इससे पहले बिहार में 1075 थानों और 225 आउटपोस्ट में तैनात दागी थानेदार और ओपी प्रभारी को हटाने की समय सीमा गुरुवार को समाप्त हो गयी।

दागी लोगों में गया जिले में 10 इंस्पेक्टर और पांच दारोगाओं को हटाया गया है। भोजपुर में 22 थानेदार और चार सर्किल इंस्पेक्टरों को हटाया जा चुका है। तो वहीं जहानाबाद में 12 थानाध्यक्ष आैर दो ओपी प्रभारियों को हटाया गया है। तो वहीं सीवान में 10 थानेदारों को हटाया गया है।

किसी जिले में 10 तो किसी जिले में 15 पुलिस अफसरों को हटाया गया है। ऐसे दारोगा-इंस्पेक्टर पर अभी निर्णय नहीं हुआ है, जिनकी सेवा पुस्तिका दूसरे जिले में है। पुलिस मुख्यालय ने जुलाई के पहले सप्ताह में दागी सर्किल इंस्पेक्टर व थानेदारों को हटाने का निर्देश दिया था और इस आदेश पर पहले 31 जुलाई तक अमल किया जाना था। बाद में इसे बढ़ाकर आठ अगस्त कर दिया गया था।

जिन सर्किल इंस्पेक्टर, थानाध्यक्ष अथवा ओपी प्रभारी के पदों से जिन अफसराें को हटाया गया है, उनसे अनुसंधान का कार्य नहीं लिया जायेगा। ऐसे अफसरों को विधि-व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण की ड्यूटी ली जायेगी। हालांकि, कुछ एसएसपी द्वारा मार्गदर्शन मांगे जाने पर यह व्यवस्था की गयी है।

ऐसे पुलिस अफसरों काे माना गया दागी-

-शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू न कराने वाले,विभागीय जिम्मेदारी न निभाने वाले, महिलाओं से अभद्र व्यवहार करने वाले शामिल हैं ।

इसीतरह,जिनपर भ्रष्टाचार का आरोप है,जिनकी अभिरक्षा के दौरान किसी के साथ हिंसा हुई हो,जिन पर विभागीय कार्यवाही लंबित है ,कोर्ट दोषी करार दे चुका है ये लोग भी इस दायरे में आते है।

कहा-एडीजी मुख्यालय ने

एडीजी मुख्यालय सह पुलिस प्रवक्ता-जितेंद्र कुमार, ने कहा कि विधि-व्यवस्था व अनुसंधान अलग-अलग करने के क्रम में किन क्षमता-योग्यता के पदाधिकारी पदस्थापित किये जा सकते हैं, इसके लिए स्पष्ट दिशा निर्देश हैं. जो पदाधिकारी मानक पूरे नहीं करते हैं, उनका तबादला किया जा रहा है.

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