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बिहार की राजनीति में तेजी से उभर रहे हैं युवा नेता अभिमन्यु यादव
अंजली चौधरी
नई दिल्ली। बिहार की राजनीति में तेजी से अपनी जगह बना रहे हैं पटना के युवा नेता अभिमन्यु यादव। इसके पीछे उनकी लगन, जनसेवा की ततपरता और राजनीतिक दूरदर्शिता का बड़ा योगदान है। राजनीति भले ही उन्हें विरासत में मिली हो, लेकिन वह इसे अपने दम पर चमकाने का हुनर रखते हैं। इसके लिए देश-प्रदेश में न केवल अपने समर्थकों की संख्या में इजाफा कर रहे हैं, बल्कि आड़े वक्त में उनके साथ खड़े रहते हैं और उनके काम भी आते हैं। राजनेताओं का यही स्वभाव सियासत में उन्हें स्थापित करता है और अब इसके मास्टर समझे जाने लगे हैं अभिमन्यु यादव। पटना की गलियां अब उनके परिचय को मोहताज नहीं हैं और आसपास के पड़ोसी जनपदों और राज्यों में उनकी बढ़ती पकड़ यह जाहिर करने को काफी है कि पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल यादव एक दमखम वाला उत्तराधिकारी मिल गया है।
बता दें कि बिहार व आसपास के राज्यों के लोगों में काफी चर्चित होते जा रहे नवयुवक अभिमन्यु यादव की कहानी बिहार में पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से सांसद एवम पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री के छोटे पुत्र के रूप में जुड़ती तो है, लेकिन विरासत की राजनीति को आगे बढ़ाने की बजाय अभिमन्यु यादव अपनी सियासत को आगे बढ़ाने की जुगत बिठा रहे हैं और पिछले कई वर्षों से बिहार के लोगों में जिस तरह से चर्चा का विषय बने हुए हैं, वह उनके सुखद सियासी भविष्य का संकेत समझा जा सकता है।
समाजसेवी संजय राय बताते हैं कि बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में इन दिनों उनके चाहने वालों की तादाद काफी बढ़ती जा रही है। कुछ उनके जानकर तो ये भी बताते हैं कि अभिमन्यु यादव यूं ही नहीं लोकप्रिय हुए, बल्कि इसके पीछे उनके द्वारा किया गया समाज सेवा का कार्य सबसे बड़ा कारण समझा जा रहा है। वैसे तो बिहार में कई राजनेता हैं लेकिन इन सबसे अलग अभिमन्यु यादव की लोकप्रियता की अपनी एक अलग कहानी हैं। वाकई पिता रामकृपाल यादव के राजनीति में होने के बावजूद अभिमन्यु यादव को कभी भी अपने पिता के साथ किसी मंच पे नहीं देखा गया। ना ही ये अपने पिता के बनाये रास्ते पे चलने की कोशिश करते हैं।
वे आगे बताते हैं कि जैसा आज कल देश में प्रचलन हैं कि नेता का बेटा होने के नाते कहीं ना कहीं से टिकट मिल जाता है और वो चुनाव जीत कर नेता बन जाते हैं। लेकिन इसके विपरीत अभिमन्यु यादव की सोच है। उनके चाहने वाले बताते हैं कि अभिमन्यु काफी गंभीर और सौम्य स्वभाव के व्यक्ति हैं। इनके लिए क्षेत्रवाद और जातिवाद बिल्कुल मायने नहीं रखता है।
वे बताते हैं कि कोई भी व्यक्ति कहीं का हो, किसी राज्य का हो, किसी जिले का हो, अगर वो इनसे मदद की गुहार लगाता भी हैं तो ये उनकी मदद को तैयार रहते हैं। यही वजह है कि अभिमन्यु यादव सोशल मीडिया पे काफी लोकप्रिय हैं। सोशल मीडिया में अगर फेसबुक की बात करे तो अभिमन्यु यादव को 80 हजार लोगों के द्वारा फॉलो किया जाता है। इससे ही इनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगा सकते हैं।
बताया जाता है कि पिछले साल कोरोना महामारी में जब लॉक डाउन हुआ था तब भी इनके द्वारा बहुत मेहनत और हजारों की संख्या में जरूरतमंदों की मदद करवाई और की गई थी। इनको पटना के बाढ़ में राशन सामग्री बांटते हुए भी देखा गया था। कई बार अभिमन्यु लोगों की रुपये पैसे से भी मदद करते रहते हैं। अभिमन्यु यादव जब दिल्ली में रहते हैं तो इनके यहां लोगों का आना जाना लगा रहता है।
अभिमन्यु यादव की एक खास विशेषता यह है कि ये किसी को वक़्त देने से मना नहीं करते हैं। साथ ही ये हर व्यक्ति को काफी करीब से जानने की कोशिश करते हैं और अपने द्वारा बनाये गए एक युवाओं की टीम से जोड़कर उनकी मदद करते रहना चाहते हैं। अपनी टीम को संगठित करके ये समाज सेवा की तरफ अग्रसर हैं। यही कारण हैं कि इस वक़्त बिहार ही नहीं, देश के हर युवाओं के जुबान पे अभिमन्यु यादव का नाम चर्चा में हैं।
चाहे वह बिहार हो या उत्तर प्रदेश या दिल्ली जैसे शहर ही क्यों ना हो, इनके चाहने वालों की बहुत लंबी कतार हैं। फिलहाल आगे देखते हैं कि अभिमन्यु यादव राजनीतिक पटल पे किस तरह और कितनी सफाई से निशाना साधते हैं। क्योंकि इनके चाहने वाले भी इस बात पे नजरें टिकाए हुए हैं कि कब अभिमन्यु सदन के अंदर दाखिल होंगे और एक नई पारी की शुरुआत करेंगे।