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10 लाख नौकरी देने के वादे का मजाक उड़ाने वाले नीतिश कुमार ने पूछा था 10 लाख ही क्यों? बिहार में बेरोजगारों की संख्या तो ज्यादा है। जवाब में तेजस्वी ने कहा है कि हम 50 लाख या एक करोड़ नौकरियों का वादा भी कर सकते थे। पर सिर्फ 10 लाख क्यों? (क्योंकि) हमें बिहार को बेहतर बनाना है, हम भाजपा की तरह झूठे वादे नहीं करते हैं। तेजस्वी का कहना है कि बिहार में 4.5 लाख रिक्तियां हैं।
इससे पहले भाजपा अपने संकल्प पत्र में 19 लाख रोजगार का दावा कर चुकी है। और 10 लाख नौकरियों का मजाक उड़ाने वाले अब कह रहे हैं कि भाजपा के पास 19 लाख लोगों को रोजगार देने का पूरा रोडमैप है। तेजस्वी ने कहा है, कमाने और नौकरी (करने) में अंतर है। पकौड़े बेचकर, नालियां साफ करके, कूड़ा बिन कर कमाया जा सकता है।
हम उसकी बात नहीं कर रहे हैं। हम अपनी पहली ही कैबिनेट मीटिंग में नौकरी देने जा रहे हैं। बेशक यह 15 लाख रुपए मिलने जैसा वादा लगे पर आजमाना कौन नहीं चाहेगा। मुझे लगता है बिहार में इसबार भाजपा की पतंग उसी के लपेटने वाले यंत्र के मांझे से कटेगी। बाकी चाय बेचने को योग्यता बताने वाले शिक्षा की बात करे तो हंसना बनता है।
लेकिन जमीन पर आंकड़ा आने पर पता चलता है कि बीजेपी रोजगार के चक्कर में कहीं बिहार से बेरोजगार तो नहीं हो जाएगी? फिर ये बात भी कहना अनुचित है क्योंकि पिछली बार भी बुरी तरह सभी टेस्टों में फेल बीजेपी बेरोजगार हो गई लेकिन डेढ़ वर्ष बाद उसने फिर बाजी पलती और रोजागर हासिल हो गया।