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जातिगत गणना में अब बिहार बना मॉडल प्रदेश, अन्य प्रदेशों में जातिगत गणना का मार्ग प्रशस्त!
जातिगत गणना को लेकर पिछले लंबे समय से कुछ प्रदेशों में चल रहा मंथन, आरोप_ प्रत्यारोप, समर्थन और विरोध के बीच आज बिहार पहला प्रदेश बनने जा रहा है। जो जातिगत गणना का देश में मॉडल प्रदेश बन गया। दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में जातिगत गणना के प्रति गंभीर थे। उन्होंने अपने प्रदेश में जातिगत गणना की शुरुआत भी करने के आदेश जारी कर दिए थे लेकिन इसके विरोध में कुछ पक्षों द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
जिस पर पटना हाईकोर्ट ने अंतरिम फैसले में जातीय जनगणना बताते हुए बिहार में इसपर रोक लगाई थी, लेकिन अब अंतिम फैसले में आज इसे सर्वे की तरह कराने की बिहार सरकार को छूट दे दी गई है। इस फैसले से बिहार की नीतीश सरकार काफी उत्साहित है। समझा जाता है कि अब इस मामले में सरकार तुरंत आदेश जारी कर शुरुआत कर देगी। ठीक इसके विपरीत याचिकाकर्ता भी हाई कोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। लेकिन याचिकाकर्ता भले ही अब सुप्रीम कोर्ट जाएं, मगर पटना हाईकोर्ट ने जाति आधारित जनगणना को लेकर जिस तरह बिहार की नीतीश सरकार को हरी झंडी दी है, उससे बाकी राज्यों को भी रास्ता मिल गया है। बिहार में विपक्ष में बैठी भाजपा ने भी जातीय जनगणना को स्वीकृति दे दी है
वहीं हाल में बेगलुरु में हुई विपक्षी एकता की बैठक में जातीय जनगणना पर भी चर्चा हुई थी। करीब-करीब सभी पार्टी इसको लेकर अपना समर्थन दे चुकी है। बिहार में तो भाजपा भी जातीय जग गणना कराने के पक्ष में होने का दावा करती आई है। नीतीश कुमार जब भाजपा के साथ गठबंधन में थे, तब ही भाजपा ने जातीय जनगणना कराने के लिए अपनी सहमति दे दी थी। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी जातिगत गणना के पक्षधर है इसी के साथ-साथ मध्यप्रदेश में भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कुछ दिन पहले इसका समर्थन किया था।। कुल मिलाकर जो प्रदेश सरकार जाति गत आधार पर जातिगत आधार पर गणना की पक्षधर है उन सरकारों को हाईकोर्ट की नजर से सपोर्ट में सकेगा।