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बिहार भ्रष्टाचार को लेकर पानीपत का मैदान बनने वाला है, बीजेपी के कई मंत्री भी है नीतीश के रडार पर।
संतोष कुमार सिंह
नीतीश कुमार अपने सबसे बड़े राजदार आरसीपी सिंह के खिलाफ इस स्तर तक उतर जायेंगे किसी ने नहीं सोचा था। पूर्व सीनियर अधिकारी जो नीतीश कुमार के काफी करीब रहे या फिर जानने वाले पत्रकार और वर्षो से साथ रहे नेता नीतीश कुमार के इस एक्शन से हैरान है।
कहा ये जा रहा है कि आरसीपी सिंह के खिलाफ इस स्तर पर कार्रवाई के पीछे कई वजह है जिसमें भाजपा के साथ नजदीकी एक बड़ी वजह मानी जा रही है साथ ही पार्टी फंड का सारा पैसे हड़पना भी वजह माना जा रहा है ।
लेकिन जानकार इस बात को लेकर हैरान है कि राजनीति के हमाम में सबके सब नंगे हैं ऐसे में नीतीश कुमार ने इतना बड़ा रिस्क कैसे लिया है हालांकि नीतीश कुमार को जानने वालों का मानना है कि नीतीश पर भ्रष्टाचार और चरित्र हनन को लेकर किन्ही के पास कुछ खास नहीं है ऐसे में आरसीपी पर सीधा हमला कर नीतीश अपने तरकश का अंतिम तीर छोड़ दिया है।
क्यों कि आने वाले समय मैं भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा होने वाला है और इस मुद्दे में आरसीपी ही नीतीश के लिए कमजोर कड़ी के साथ साथ घर का भेदी था जिसके सहारे बीजेपी घेराबंदी कर सकता था। लेकिन इस आरोप के बाद ईडी या सीबीआई को नीतीश के खिलाफ सीधे एक्शन लेने में थोड़ा वक्त लगेगा वहीं नीतीश आरसीपी सिंह के खिलाफ एक्शन लेकर यह जताने कि कोशिश करी है कि अभी भी भ्रष्टाचार के मामले में व्यक्ति मेरा कितना भी करीब क्यों ना हो समझौता नहीं कर सकता है ।हालांकि इस समय स्थिति नीतीश कुमार के पक्ष में पहले जैसा नहीं है फिर भी अभी तक नीतीश कुमार का जो ट्रेक रिकॉर्ड रहा है उसमें वो इससे भी बूरी स्थिति से वापसी करते हुए कई बार देखे गये हैं।
वैसे यह तय हो गया कि नीतीश 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नहीं रहेंगे कब वो बीजेपी का साथ छोड़ते हैं यह कहना मुश्किल है लेकिन इतना तो तय हो गया है कि बिहार बीजेपी के सामने नीतीश कुमार के हर एक्शन पर चुप रहने के अलावे कोई चारा नहीं बच गया है, क्यों कि आने वाले समय में भ्रष्टाचार के खिलाफ नीतीश और भी कड़े फैसले ले सकते हैं और इसमें बीजेपी के चार मंत्री का भी फाइल तैयार है जिसमें केन्द्रीय मंत्री भी शामिल है ऐसे में आने वाले समय में बिहार भ्रष्टाचार को लेकर एक बड़ा बैटल फील्ड बन जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी क्यों कि इनके पास आर्थिक अपराध इकाई और विशेष निगरानी जैसी दो ऐसी संस्था है जिसके सहारे देश स्तर पर अभियान चलाया जा सकता है ।