पटना

लोकसभा चुनाव 2019 : पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा का पत्ता साफ, रविशंकर प्रसाद होंगे प्रत्याशी!

Special Coverage News
17 March 2019 5:18 AM GMT
लोकसभा चुनाव 2019 : पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा का पत्ता साफ, रविशंकर प्रसाद होंगे प्रत्याशी!
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अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या शत्रुघ्न सिन्हा बीजेपी में बने रहते हैं या फिर किसी दूसरे दल का दामन थामकर रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब से टक्कर देंगे?

पटना : पार्टी लाइन से अलग जाकर हमेशा अपनी बात रखने वाले शॉटगन यानी शत्रुघ्न सिन्हा को बड़ा झटका लगने वाला है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक शत्रुघ्न सिन्हा के बागी तेवर को देखते हुए बीजेपी ने उन्हें इस बार टिकट नहीं देने का फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक बीजेपी पटना साहिब सीट के मौजूदा संसाद शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट काटने जा रही है और इस सीट से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के प्रत्याशी बनाने जाने की खबर है।

अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या शत्रुघ्न सिन्हा बीजेपी में बने रहते हैं या फिर किसी दूसरे दल का दामन थामकर रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब से टक्कर देंगे। हालांकि शत्रुघ्न सिन्हा पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वे किसी भी हालत में पटना साहिब से ही चुनाव लड़ेंगे, अपना संसदीय सीट नहीं बदलेंगे, फिर परिस्थिति चाहे जैसे भी हो। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक शत्रुघ्न सिन्हा आरजेडी या फिर कांग्रेस की टिकट पर पटना साहिब से चुनाव लड़ सकते हैं।

आपको बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा 2009 और 2014 में पटना साहिब सीट से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। जातीय समीकरण के आधार पर पटना साहिब को कायस्थों के दबदबे वाली सीट माना जाता है। यहां कायस्थों के बाद यादव और राजपूत वोटरों का बोलबाला है। पिछले दो चुनावों से यहां कांग्रेस के उम्मीदवार नंबर दो रहे हैं। ऐसे में हो सकता है कि बिहार में महागठबंधन के तहत ये सीट कांग्रेस के खाते में चला जाए।

सियासी जानकारों के मुताबिक यहां के कायस्थ मतदाताओं का झुकाव बीजेपी की पक्ष में रहता है, ऐसे में शत्रुघ्न सिन्हा के कांग्रेस से उतरने पर यहां मुकाबला दिलचस्प हो सकता है। कांग्रेस से चुनाव मैदान में आने के बाद शत्रुघ्न को गठबंधन के तहत यादव मतदाताओं का भी समर्थन मिल सकता है। जबकि, इसके ठीक उलट अगर ये सीट आरजेडी के खाते में जाती है और शत्रुघ्न सिन्हा लालटेन थामते हैं, तो उनके लिए कायस्थ वोटरों को अपने पक्ष में लाना आसान नहीं होगा।

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