पटना

Bihar Breaking News: ग्राहकों का 40करोड़ रुपया ले कर बिल्डर फरार,पैसा लेने के बाद काम भी नहीं किया,मांगने पर जान मारने की देने लगा है धमकी

Shiv Kumar Mishra
23 May 2022 6:04 PM IST
Bihar Breaking News: ग्राहकों का 40करोड़ रुपया ले कर बिल्डर फरार,पैसा लेने के बाद काम भी नहीं किया,मांगने पर  जान मारने की देने लगा है धमकी
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दर-दर की ठोकर खाने को विवश हैं ग्राहक, थाना भी नहीं ले रहा है प्राथमिकी

एस एन गिरी

पटना: राजधानी पटना में पहले से भू माफियाओं से परेशान जनता अब बिल्डरों के धोखाधड़ी का शिकार बनती जा रही है। ताजा मामला रियलाइज रियलकॉन प्राइवेट लिमिटेड का है ।इस कंपनी के डायरेक्टर शैलेंद्र गिरी और उसकी पत्नी बैजयंती देवी ने बिहार के निवेशकों से करीब ₹40करोड़ वसूल कर धोखाधड़ी कर दी है ।निवेशकों को ना तो फ्लैट मिला और ना ही रुपए वापस किए गए जबकि फ्लैट 2018में ही देना था।बताया जाता है कि कंपनी ने रूपसपुर ओवरब्रिज के पास जे एम कॉम पलेक्स में तामझाम के साथ ऑफिस खोल कर2015 से ही ग्राहकों को फंसाने का काम शुरू कर दिया ।

‌इस क्रम में कंपनी ने पटना के एम्स इलाके में रियलाइज रियलकाॅन एग्जॉटिया और शिवाला और पांडेपुर में रियलाइज रियलकाॅन सिगनेचर सिटी नामक प्रोजेक्ट के नाम पर 40 करोड़ से अधिक की राशि बतौर वाइटवॉर ब्लैक मनी के रूप में वसूली की।


बिल्डर द्वारा पटना के एम्स प्रोजेक्ट में थोड़ा काम तो किया गया जब किसी वाला और पांडेपुर वाले प्रोजेक्ट पर कुछ भी नहीं किया गया। ये लोग संगठित गिरोह बनाकर लोगों को फंसाने का काम करते रहे। इसके गिरोह में बिल्डर का भाई रोहितेश गिरी, पवन भारती ,रिश्तेदार अभिलेख गिरी ,राजीव कुमार,, नंदन कुमार ,श्वेता कुमारी और कल्पना कुमारी आदि शामिल थे।लोगों का आरोप है कि बिल्डर ने Aiims प्रोजेक्ट के अपने हिस्से के 51फ्लैट के बदले जमीन मालिक का भी हिस्सा बेंच कर पैसा रख लिया है।


इतना ही नहीं कंपनी के डायरेक्टर ने बिना किसी ग्राहक को सूचित किए2021 में अपना ऑफिस बंद कर फरार हो गया और अधिकांश नंबरों को बंद कर दिया। जब इस बात की जानकारी लोगों को हुई तो लोग परेशान होने लगे और जलालपुर सिटी के गंगा सिक्स बिल्डिंग के फ्लैट नंबर 601में उसके परिवार से मिलने की कोशिश की,लोगों के तगादा से परेशान शैलेंद्र गिरी फोन कर फिर से काम शुरू करने के नाम पर लोगों से पैसा मांगने लगा। लेकिन लोगों ने पैसा देने से इनकार कर दिया और कंपनी मैं रुपया लगा चुके खरीदारों ने स्थानीय प्रशासन से बिल्डर पर कार्रवाई करने की गुहार लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। तब हार कर कुछ लोग Rera में केस किए तो कुछ लोग

हाईकोर्ट की शरण ली और हाईकोर्ट में केस नंबर 10 के तहत मामला दर्ज कर सरकार के मुख्य सचिव, रेरा के प्रबंध निदेशक नवीन वर्मा सहित कई लोगों को आरोपी बनाया है ।


दूसरी ओर सिगनेचर सिटी में 2015 में ₹900000 जमा करने वाले एक ग्राहक उच्च अधिकारियों से पैरवी कर रूपसपुर थाना में केस दर्ज कराया जिसके आधार पर रूपसपुर थाना की पुलिस ने बिल्डर शैलेंद्रगिरी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। जेल जाने के बाद उसकी पत्नी बच्चों द्वारा फोन कर शियायतकर्ता को यह कहा जाने लगा कि बेल हो जाने दीजिए तब वह बाहर आएंगे और प्रोजेक्ट को दूसरे के देकर आप लोगों की समस्या का समाधान कर देंगे। इसके बाद 100000 मिलने के बाद कंडीशननल बेल करवा दिया और वह जेल से बाहर आ गया। जेल से बाहर आए महीनों हो गए लेकिन समस्या जस का तस है और तो और पैसा मांगने पर बिल्डर द्वारा जान से मारने की धमकी भी दिया जाने लगा है । aaims प्रोजेक्ट में अभी तक 96 लोगों की सूची बनी है ,इसमें करीब 16 करोड़ से अधिक देने की बात व्हाइट मनी के रूप में जबकि कई करोड़ व्हाइट मनी को भी ब्लैक मनी के रूप में बिल्डर के लोगों ने प्राप्त किया है ।


इस कंपनी के प्रोजेक्ट में सेना के सेवानिवृत कर्नल, डीएम, डॉक्टर सहित कई अधिकारी, व्यवसाईं सहित सेवानिवृत्त कर्मचारियों का पैसा फंसा हुआ है जिसमें कईयों ने सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले पूरी राशि ही लगा दिया ,तो किसी ने बेटी की शादी के लिए रखे रूपये को लगाकर अब पटना की सड़क पर अधिकारियों के दरवाजे खटखटाने को विवश हैं। इसी तरह पांडेपुर प्रोजेक्ट में करीब 3 दर्जन से ज्यादा लोगों से पैसे की करोड़ों रूपये की वसूली की गई और वहां काम तक नहीं किया गया।

कौन है बिल्डर शैलेंद्र गिरि

‌सिवान जिला के दुरौंदा थाना के रानीबारी गिरी टोला निवासी शिव कुमार गिरी का बड़ा पुत्र शैलेंदर पहले पटना के हैं एक बिल्डर की कंपनी में मामूली कर्मचारी था लेकिन2015 में कुछ साथियों के साथ उस कंपनी में नौकरी छोड़ इसने अपनी कंपनी बनाकर विभिन्न प्रलोभन और चमक-दमक दिखाकर पटना की जनता की गाढ़ी कमाई फ्लैट के नाम लूट लिया। बिहार के कई बीजेपी के नेताओं के साथ फोटो खींचा कर उसका वह इस काले कारोबार को बढ़ाने में खूब किया।


जानकार बताते हैं कि फिल्म अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा अपने फिल्म के प्रमोशन के लिए 2016 में पटना आई थी, इस बात का पता जब बिल्डर शैलेंद्र गिरी को लगा तो वह उसके साथ फोटो खिंचवाने के लिए दस लाख रुपए पर दिए । प्रियंका चोपड़ा को फूल का गुलदस्ता भेंट करते हुए फोटो खिंचवाया और बाद में पूरे पटना में इस फोटो हो होर्डिंग पर लगा प्रियंका चोपड़ा को कंपनी का ब्रांड एंबेसडर बता लोगों से पैसा वसूली का नया हथकंडा अपनाया।इतना ही नहीं, उसने महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी की और बतौर निर्दलीय उसने नामांकन भी किया लेकिन किसी कारणवश नामांकन रद्द हो गया और उसका मंसूबा फेल हो गया।


बहरहाल, बिहार की जनता की गाढ़ी कमाई लूटने वाला बिल्डर न तो फ्लैट बनाने की स्थिति में है और न ही पैसा लौटाने में। लोग दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हैं ,लेकिन सवाल यह उठता है कि 2015 से किसी रियल एस्टेट कंपनी के खाते से कितने रुपयों के लेन-देन होता रहा लेकिन रेरा के अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। आखिर ₹40करोड़ रुपया बिल्डर कहां और किस मद में

निवेश किया यह सवाल काफी गंभीर है।।यदि पुलिस इस कंपनी के बैंक खातों और स्टाफ और उसके परिजनों के खातों का जांच करें तो इसका खुलासा जरूर हो सकता है।

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