- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
कांग्रेस बिहार में महागठबंधन के दबाब में आई, आरजेडी और हम का पलड़ा भारी
पटना : महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर मचे घमासान के बीच राष्ट्रीय जनता दल और जीतन राम मांझी की प्रेसर की पॉलटिक्स काम आती दिख रही है. कांग्रेस ने 11 सीटों की सीमा से पीछे हटने के संकेत दिए हैं.
पार्टी के प्रवक्ता हरखु झा ने कहा है कि 11 सीटों की घोषणा कोई अधिकारिक नहीं थी. गठबंधन में कोई एक संख्या सीमा नहीं होती है. जरूरत पड़ी तो हम भी पीछे हटेंगे और सहयोगी भी पीछे हट सकते हैं. महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर फंसे पेंच के बीच यह एक बड़ी खबर आ रही है. कांग्रेस 11 से कम सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. पार्टी के प्रवक्ता हरखु झा ने इस बात के संकेत दिए हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक ठाक है. कुछ सीटों पर सहयोगी बातचीत करना चाहते थे, जिसपर आज बातचीत हो जाएगी. महागठबंधन में कोई परेशानी नहीं है. हरखु झा ने जी मीडिया के सवाल पर कहा कि पार्टी की तरफ से 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है. पार्टी ने महज आलाकमान को 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि अब आलाकमान को तय करना है कि कितनी सीटों पर पार्टी चुनाव लड़े. साथ ही कहा कि जब हम गठबंधन में होते हैं तो सीटों की संख्या कोई फिक्स नहीं होती है. जरुरत पड़ी तो हम पीछे भी जा सकते हैं और सहयोगी भी जा सकते हैं.
बीते दिनों कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक के बाद बिहार कांग्रेस चुनाव प्रचार अभियान समिति के चेयरमैन अखिलेश सिंह ने पार्टी के 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी. जिसके बाद बड़ा सियासी बवाल मच गया. कांग्रेस की घोषणा के साथ ही जीतन राम मांझी ने भी अपनी पार्टी के लिए पांच सीटों की डिमांड कर दी. मांझी की डिमांड के बाद मामल फंस सा गया. मामला तब और बिगड़ गया जब तेजस्वी यादव ने महागठबंधन में सीटों को लेकर मची खींचतान पर अपने सहयोगियों पर ट्वीट कर हमला बोल दिया. उसके बाद से महागठबंधन के बिखड़ने की चर्चा तेज हो गयी है.
महागठबंधन को बचाने की कोशिश भी तेज हो गयी है. रविवार को पटना पहुंचे आरएलएसपी अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा को तुरंत वापस दिल्ली बुला लिया गया. वहीं, कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता सदानंद सिंह भी रविवार की शाम दिल्ली बुला लिये गये. जबकि कांग्रेस के प्रभारी सचिव वीरेन्द्र सिंह राठौर भी अपना सारा कार्यक्रम छोड़ रविवार की शाम दिल्ली लौट गये. अध्यक्ष मदन मोहन झा सोमवार को दिल्ली रवाना हुए.
आरजेडी ने सीटों की मची खींचतान के बीच फिर से कांग्रेस को सचेत किया है. पार्टी के पूर्व मंत्री विजय प्रकाश ने कहा है कि तेजस्वी यादव की सहयोगी दलों से सीटों को लेकर अहंकार छोड़ने की अपील बिल्कुल सही है. बीजेपी को हराने के लिए सबको साथ मिलकर चलना होगा, जिसमें सीटों के मसले पर जिद्द की कहीं कोई जगह नहीं. कांग्रेस भले ही सीटों की संख्या के मसले पर नर्म नजर आ रही हो, लेकिन कांग्रेस-आरजेडी के बीच 6 सीटों पर अभी भी मामला फंसा हुआ है. बाल्मीकि नगर, मोतिहारी, कटिहार, किशनगंज, दरभंगा और मधुबनी की सीटें ऐसी हैं जहां पर मामला उलझा हुआ है.