पटना

क्या वास्तव में नीतीश कुमार मांग रहे स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा, फिर बीजेपी क्यों अड़ी?

Special Coverage News
26 Jun 2019 3:50 AM GMT
क्या वास्तव में नीतीश कुमार मांग रहे स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा, फिर बीजेपी क्यों अड़ी?
x

बिहार में एईएस अर्थात चमकी बुखार से हो रही मौतों के सिलसिले में जहां एक ओर थोड़ी कमी हो रही है, वहीं इस मुद्दे पर सियासत परवान चढ़ने लगी है. विपक्ष के हमलों के बीच अब बिहार सरकार के भीतर भी खींचतान की खबरें सामने आ रही हैं. चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से इस्तीफा मांगा है. हालांकि, इसकी पुष्टी किसी स्तर से नहीं की जा रही है. वहीं, भाजपा सूत्रों ने भी स्पष्ट संकेत दिया है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे.

ऐसे में यह चर्चा का विषय बन गया है कि यह भाजपा और जदयू के बीच एक बड़ा सियासी मसला बन सकता है. दरअसल, एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम को भयावह बनने से रोकने की जिम्‍मेदारी स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के कंधों पर थी, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके. बच्चों की लगातार मौत के बाद जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन मुजफ्फरपुर पहुंचे थे तब उनके साथ मंगल पांडे भी थे. हॉस्पिटल में जायजा लेने के बाद हर्षवर्धन ने एसकेएमसीएच में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ चमकी बुखार को लेकर बैठक की और बीमारी के नियंत्रण पर चर्चा की. उस वक्‍त डॉ. हर्षवर्धन के बगल में ही मंगल पांडेय भी बैठे थे. बैठक के दौरान ही वह भारत-पाक मैच का स्कोर पूछते हुए नजर आए. उन्होंने पूछा कितना विकेट हुआ तो सामने से जवाब मिला चार विकेट. यही बात विवाद का कारण बन गई. सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार नैतिकता के आधार पर मंगल पांडे पर इस्तीफे का दबाव बना रहे हैं.

दरअसल, मुख्यमंत्री का मानना है कि चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौतों के मसले पर बुरी तरह घिर चुकी बिहार सरकार को इस इस्तीफे से थोड़ी राहत मिल सकती है. मुख्यमंत्री का मानना है कि चमकी बुखार का मामला मुख्यमंत्री से अधिक संबंधित स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी थी और यह मंगल पांडे के ही जिम्मे है.

वहीं भाजपा के नेता इसे कोरी राजनीति कह रहे हैं. पार्टी का मानना है कि यह आज का मसला नहीं है. यह हर साल होता है. इसके लिए दीर्घकालीन नीति बनानी होगी, जो बिहार सरकार को करना चाहिए. ऐसे में जाहिर है कि आरोप-प्रत्यारोप के बीच इसी मसले पर दोनों पार्टियों के बीच तलवारें खिंची हुई हैं. सूत्रों की अगर मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां तक कह दिया है कि अभी वो इस्तीफा दे दें, बाद में उन्हें एडजस्ट कर लेंगे. हालांकि भाजपा अपने इस कद्दावर नेता की साख पर किसी भी तरह से आघात नहीं आने देना चाहती है.

यहां उल्लेखनीय है कि मंगल पांडे बिहार भाजपा के कद्दावर नेता माने जाते हैं. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के करीबी होने के साथ राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान एक सशक्त संगठनकर्ता की भी है. भाजपा अध्‍यक्ष रहते हुए उन्‍होंने बिहार में पार्टी में दम भरा तो साझा सरकार में वह मंत्री बन गए. जबकि उनके झारखंड और हिमाचल प्रदेश के चुनाव प्रभारी भाजपा को वहां तगड़ी जीत मिली.

बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र शुक्रवार यानी 28 जून से शुरू हो रहा है. विधानमंडल का सत्र 26 जुलाई तक चलेगा. सत्र के हंगामेदार होने की संभावना जतायी जा रही है. वहीं, विपक्ष सूबे की कानून-व्यवस्था और मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत मामले को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में जुटी है. सत्र के दौरान एईएस से बच्चों की मौत समेत कई मुद्दों को लेकर नीतीश सरकार की बर्खास्तगी की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी राजद राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगी.

Tags
Special Coverage News

Special Coverage News

    Next Story