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जीरो बैलेंस पर सभी बच्चों का बैंकों में खाता खुलवाने का दिया गया निर्देश
यदि किसी का खाता पुराना और निष्क्रिय हो गया है तो उसे पुनः एक्टिव कराने का निर्देश भी दिया गया। शिक्षक शिक्षा का महत्वपूर्ण वाहक है और शिक्षा से ही बौद्धिक, आर्थिक, सामाजिक एवं विवेकपूर्ण व्यवहार का विकास होता है।
संग्रहालय सभागार में आज प्रधानाध्यापकों के उन्मुखीकरण कार्यक्रम का दूसरे दिन सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के साथ किया गया। मुख्य रूप छात्रों की उपस्थिति एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने हेतु जिला पदाधिकारी नवीन कुमार ने सभी उपस्थित प्रधानाध्यापकों को निर्धारित दिशा निदेश के आलोक में कर्तव्य बोध कराया। जिला पदाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि समाज में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका हमेशा से रही है। शिक्षक की सोच पर समाज की दिशा तय की जाती है।
उन्होंने कहा कि बेहतर समाज निर्माण के फाउंडेशन के रूप में आप सभी कार्यरत है। शिक्षकों की भूमिका पर उन्होंने कहा कि शिक्षक ही शिक्षा का महत्वपूर्ण वाहक होता है और शिक्षा से ही बौद्धिक, आर्थिक, सामाजिक एवं विवेकपूर्ण व्यवहार का विकास होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षण परिसर में अच्छे माहौल का निर्माण करना आपकी जिम्मेवारी है। वातावरण निर्माण कर ही बच्चों की उपस्थिति को सुनिश्चित किया जा सकता है। सबसे पहले आपको एक आदर्श शिक्षक के रूप में स्थापित करना होगा। जिससे अभिभावक और बच्चे आपके विद्यालय तक आने के लिए प्रेरित हो। प्रत्येक शिक्षक की पीरियोडिक कर्तव्य पंजी होनी चाहिए। अभिभावक गोष्ठी में अभिभावक को आश्वस्त करे कि आपके स्कूल से बेहतर और कोई नहीं है। सरकार की मुफ्त शिक्षा के संकल्प को बेहतर ढंग से लोगों को बीच ले जाने के लिए आपकी नियुक्ति की गयी है। रोचक एवं प्रेरणादायक बातें बताये। उन्होंने कहा कि बेहतर समाज के निर्माण में आपकी महती भूमिका है। उन्होंने कहा कि आज का यह उन्मुखीकरण कार्यक्रम में कोई नई बात नहीं है बल्कि शिक्षा विभाग द्वारा समय समय पर जारी विभिन्न संकल्पों, पत्रों और निदेशों का अनुपालन करने हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उन्होंने ड्रेस कोड, शैक्षणिक वातावरण, स्वच्छ परिसर, शिक्षक पंजी, उपस्थिति, पोषण क्षेत्र में भ्रमण, स्मार्ट क्लासेस आदि के संबंध में आवश्यक दिशा निदेश दिये। लर्निंग डिस्टेंस को पूरा करने के लिए कैचअप राउंड चलाया जा रहा है। बच्चों को कम समय में छुटे हुए पाठ का अभ्यास कराया जा रहा है। सभी को पोषण क्षेत्र में अनिवार्य रूप से भ्रमण करने का निदेश दिया गया। उन्होंने फिर कहा कि स्वच्छ परिसर, पठन पाठन, भवन एवं बच्चों तथा शिक्षकों की उपस्थिति के आधार पर शिक्षकों के कार्यों का आकलन किया जायेगा। प्रत्येक तीन माह पर अच्छे कार्य करने वाले को पुरस्कृत किया जायेगा। चेतना सत्र के साथ ही जब शिक्षण की शुरुआत होती है। बच्चों को प्रेरक, प्रसंग, गांधी विचार के बारे में अच्छी अच्छी बातें बताये। जिला पदाधिकारी ने कहा कि डीवीटी के माध्यम से पुस्तकों के लिए राशि अभिभावकों और बच्चों की खाते में दिया जाता है। निदेश दिया गया कि जीरो बाईलेंस पर सभी बच्चों का बैंकों में खाता खोलवाये। यदि किसी का खाता पुराना और निष्क्रिय हो गया है तो उसे पुनः ऐक्टिव कराने का निदेश भी दिया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा के लिए कई संसाधन उपलब्ध करायी है। विद्यालयों के चारदीवारी, बैंच, खेल सामग्री, स्मार्ट क्लासेज, लैब आदि के लिए राशि मुहैया करायी। पेयजल, शौचालय, रंग रोगन के लिए भी समय समय पर राशि उपलब्ध करायी जाती है। इसलिए जरूरी है कि आप सभी कर्तव्यों का तन्मयता के साथ निर्वहन करे। बच्चों एवं अभिभावकों में विश्वास जगाये, माहौल बनाये तथा खुद एवं बच्चों की उपस्थिति को सुनिश्चित कराये। बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं अन्य उपस्थित थे।