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बिहार में खेला, जदयू राजद,कांग्रेस,भाकपा माले और हम ने अपने विधायक दल की बैठक बुलायी
दिल्ली से पटना तक बस एक ही चर्चा है नीतीश किसी भी समय बीजेपी का साथ छोड़ सकते हैं और सावन खत्म होने से पहले नीतीश महागठबंधन के साथ 11 अगस्त को शपथ लेंगे। और इसी को ध्यान में रखते हुए जदयू राजद,कांग्रेस,भाकपा माले और हम ने अपने विधायक दल की बैठक बुलायी है जिसमें नीतीश के साथ सरकार बनाने को लेकर मोहर लगाया जाएगा।
वैसे नीतीश चन्द्र ग्रहण में बिस्किट खा सकते हैं तो उनके लिए सावन भादो मायने नहीं रखता है हर अच्छे काम की शुरुआत शनिवार को ही करते हैं।
नीतीश कुमार इससे पहले 2013 में बीजेपी से और 2017 में महागठबंधन से गठबंधन तोड़ चुके हैं नीतीश कुमार के कार्यशैली को देखे तो दोनों बार गठबंधन तोड़ने से पहले नीतीश कुमार गठबंधन के साथी को अपनी बात रखने की पूरी आजादी दिया था ,दोनों और से सवाल जवाब हुआ था और फिर जुदा जुदा हुए थे ।
इस वक्त ऐसी कोई स्थिति नहीं दिख रही है जिससे यह कहां जा सके की जदयू बीजेपी से गठबंधन तोड़ लेगा हां जदयू बीजेपी से नराज जरुर है लेकिन नराजगी को लेवल इस स्तर पर नहीं पहुंचा है कि गठबंधन तोड़ ले वैसे भी नीतीश झटके में गठबंधन नहीं तोड़ते हैं।
इसलिए सावन से पहले बिहार में जदयू बीजेपी का राह जुदा जुदा हो जायेंगी इसकी सम्भावना बहुत कम दिख रही है ,लेकिन गठबंधन में गांठ पड़ गया है ये साफ दिख रहा है और साथ छुटेगा यह तय दिख रहा है।
वैसे दिल्ली से ये भी खबर आ रही है कि जदयू को एक कैबिनेट और दो राज्यमंत्री के आँफर पर बीजेपी गम्भीरता से विचार शुरु कर दिया है ।
वही बात गठबंधन तोड़ने की करे तो इस बार आरसीपी सिंह के बहाने नीतीश बीजेपी पर गठबंधन धर्म नहीं निभाने का आरोप लगाने की तैयारी जदयू ने मजबूती के साथ प्रारम्भ कर दिया है और इसके लिए कहा ये जा रहा है कि आरसीपी सिंह और केन्द्र सरकार के एक मंत्री का कुछ फोनकांल टेप किया गया है।
जानकार बता रहे हैं कि इस बार जदयू बीजेपी पर 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग को खड़े करने और आरसीपी के सहारे जदयू को तोड़ने का आरोप लगाते हुए जदयू बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ सकती है और फिलहाल जो चल रहा है उसी की कवायत मानी जा रही है वैसे राजनीति में कब क्या हो जाये कहना मुश्किल है ।