पटना

बिहार विधानसभा चुनाव में लालू यादव और उनके बच्चे...

Shiv Kumar Mishra
28 Oct 2020 3:30 PM IST
बिहार विधानसभा चुनाव में लालू यादव और उनके बच्चे...
x

मनीष सिंह

जाहिर है काफी बेटियां हैं लालू के परिवार में। यह भी झूठ नही की बेटों की चाहत में ही इतनी बार बर्थ हुई होगी। नीतीश कुमार की घटिया टिप्पणी बताती है कि बीते बरसों में जनसँख्या में लिंगानुपात के बिगड़ते आंकड़े उनका ध्यान खींचने में असफल रहे हैं।

हरियाणा पंजाब जैसे इलाकों में हालात इतने बुरे हैं, की ब्याह के लिए लड़कियों की चाहत में लोग उस पार्टी को वोट देने को मजबूर हैं, जो उन्हें POK और कश्मीर से लड़कियां लाकर देने का वादा कर दे। इसका कारण है, टेक्नॉलजी।

अल्ट्रासाउंड, भ्रूण के लिंग की पहचान और फिर, उसकी हत्या। जी हां, ये हत्यायें मिर्जापुर स्टाइल की वीभत्स हत्या तो नही होती मगर उससे कम भी नही होती। रेडियोलॉजी, जो किसी समय सबसे बेकार MBBS स्टूडेंट चुनते थे, उसे अब बेस्ट स्टूडेंट चुनते हैं। आजकल रेडियोलॉजी में पीजी के लिए डोनेशन सबसे अधिक होती है। क्यों ?? हत्या के लिए निशानदेही का मोटा इनाम जो मिलता है।

भ्रूण के लिंग पहचान एक चमकता हुआ व्यापार है। लिंग पहचान ऐसे तो कानूनन अपराध है, मगर वह तो बगैर हेलमेट बाइक चलाना भी है, रेलवे स्टेशन पर थूकना भी। कानून जो भी हो, पितृसत्तात्मक समाज मे जहां स्टेट की सोशल सेक्युरिटी शून्य है,बेटा बुढापे की लाठी और जवानी का लट्ठ होता है। तो बेटे की चाहत, बेटी की हत्या का कारण बननी ही है।

मुद्दा ये की लालू के बड़े परिवार की हंसी उड़ाने की जगह उन छोटे परिवारों को देखिये, जिसमे बेटे बेटी की उम्र में लम्बा फर्क है। 10-11 साल की बेटी, 2-4 साल का लड़का। 90% केस वे हैं, जहां इन दो बच्चों के बीच, दो-तीन-पांच बेटियों की हत्या की जा चुकी है। दिमाग पर जोर दीजिये। बहुतेरे मिलेंगे आपके आसपास .. और आपके परिवार में।

तो शर्म और लानत अगर देनी है, तो उन्हें दीजिये। लालू जैसे परिवार 7-8 बेटियां पैदा कर उन्हें जिंदा रखे, यह श्लाघ्य है। यह बात नीतीश कुमार तक अवश्य पहुंचाई जाए, जिनके राज में बेटे बेटी का अनुपात 1000 के पीछे 918 तक गिर चुका है।

Next Story