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सांप्रदायिक ताकतों की गोद में खेल रहे हैं नीतीश कुमार
पटना। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने जहानाबाद में हुए दंगे के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि नीतीश सरकार के राज में दंगों, सांप्रदायिक तनाव और मॉब लिंचिंग की तादाद में इजाफा हुआ है और नीतीश कुमार सिर्फ भाषणों में करप्शन, कम्युनिलज्म और क्राइम पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने कहा कि जहानबाद की घटना के लिए नीतीश कुमार की पुलिस और प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है. पुलिस ने शरारती तत्वों का साथ दिया जिसके नतीजे में जहानाबाद में सांप्रदायिक ताकतों ने अपने मंसूबों को अंजाम दिया. मल्लिक ने कहा कि जहानाबाद का दंगा हो या मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटना, नीतीश कुमार जी की अंतरात्मा कब जागेगी. नैतिक तौर पर उन्हें अब कुर्सी पर बने रहने का हक नहीं है और उन्हें फौरन अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. रालोसपा ने जहानाबाद और बिहार के लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और अमन-चैन बनाए रखें.
मल्लिक ने जहानाबाद दंगे को लेकर सवाल उठाया कि दशहरा आठ अक्तूबर को था और नौ अक्तूबर को प्रतिमाओं का विसर्जन हो जाना था तो क्या वजह थी कि जहानाबाद में नौ व दस अक्तूबर की सुबह तक प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं हुआ और प्रतिमाओं के साथ रात भर एक खास समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक और भड़काउ नारे लगाए जाते रहे. पुलिस व प्रशासन ने उन्हें ऐसा करने की छूट दी, इससे हालात बिगड़े. पुलिस और प्रशासन ने तब तक प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए कोई कदम नहीं उठाया. अगर प्रतिमाओं के विसर्जन का प्रशासन प्रयास करता तो जहानाबाद में दंगा नहीं भड़कता. हालांकि बाद में प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ लेकिन तब तक शरारती तत्वों ने अपना काम कर दिया था. पथराव हुआ, दुकानों में आग लगाई गई और बड़े पैमाने पर एक खास वर्ग के लोगों की संपत्ति लूट ली गई और ऐसा पुलिस की मौजूदगी में हुआ. पुलिस ने दंगाइयों और शरारती तत्वों को शह देती रही जिसकी वजह से जहानाबाद में दंगा भड़का. मल्लिक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इसके बाद दंगाइयों को गिरफ्तार करने की बजाय बेकसूर मुसलमानों को गिरफ्तार किया और उनकी बेरहमी से पिटाई की. मल्लिक ने आरोप लगाया कि जुमा की नमाज से पहले पुलिस जबरन लोगों के घरों में घुसी और युवाओं को उठा कर ले गई. मल्लिक ने बताया कि पुलिस ने दंगाइयों का साथ दिया और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई. दंगाइयों व शरारती तत्वों पर कार्रवाई की बजाय बेकसूर लोगों पर कार्रवाई की गई. मल्लिक ने कहा कि नीतीश कुमार सांप्रदायिक ताकतों की गोद में बैठे हैं और इन ताकतों से वे गुपचुप मुलाकात करते हैं. मल्लिक ने कहा कि जहानाबाद के दंगे से नीतीश कुमार का धर्मनिरपेक्ष चेहरा और भी उजागर हुआ है. जहानाबाद में धार्मिक उन्माद पर उनकी चुप्पी हैरान करने वाली है.
मल्लिक ने कहा कि रालोपसा मांग करती है कि शरारती तत्वों और दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और बेकसूरों को फौरन रिहा किया जाए. साथ ही पार्टी ने यह भी मांग की है कि दोषी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और घटना की न्यायिक जांच करवाई जाए. पार्टी ने यह मांग भी की है कि दंगों में जिनकी संपत्ति का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई सरकार करे और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया जाए.