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2019 में सरकार बनाने में किंग मेकर की भूमिका में होंगे प्रशांत किशोर!
पिछले करीब सात साल से देश में नंबर एक चुनाव प्रबंधक के तौर पर उभरे प्रशांत किशोर इस समय दो राज्यों में चुनाव प्रबंधन का काम संभाल रहे हैं। वैसे तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनको अपनी पार्टी में शामिल करा कर पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया था। पार्टी जदयू के पुराने नेताओं ने प्रशांत किशोर को पार्टी में जमने नहीं दिया। कुछ अपने बड़बोलेपन के कारण और कुछ अपनी पार्टी के नेताओं की साजिश के कारण वे बिहार लोकसभा चुनाव से दूर हैं।
उन्होंने खुद ट्विट करके इसका ऐलान भी किया है। वे जदयू के लिए चुनावी रणनीति बनाने के काम में नहीं हैं। पर चुनाव बाद की स्थितियों के हिसाब से वे ज्यादा बड़ा काम करने में लगे हुए हैं।वे आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी के लिए और महाराष्ट्र में शिव सेना के लिए काम कर रहे हैं। अभी तक के अनुमानों के मुताबिक जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस लोकसभा की 15 सीटें जीत सकती है और विधानसभा चुनाव जीत कर सरकार भी बना सकती है।
इसी तरह भाजपा से गठबंधन के बाद शिव सेना के भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि जगन और तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के बीच बने सद्भाव का फायदा प्रशांत किशोर उठा रहे हैं।
प्रशांत किशोर कहा जा रहा है कि जगन मोहन रेड्डी, चंद्रशेखर राव और नवीन पटनायक वाले तीसरे मोर्चे को जोड़ने वाली कड़ी हैं। इन पार्टियों के नेताओं को पता है कि प्रशांत किशोर जरूरत पड़ने पर शिव सेना और जदयू को भी इस मोर्चे से जोड़ सकते हैं। ऐसे में इस मोर्चे के सांसदों की संख्या 70-80 तक पहुंच सकती है और तब केंद्र में सरकार बनवाने में इनकी ज्यादा बड़ी भूमिका हो जाएगी।
प्रशांत किशोर पहले अनौपचारिक बातचीत में पत्रकारों के सामने यह बात कह चुके हैं कि वे 70-80 सांसदों का एक समूह तैयार करने पर काम कर रहे हैं ताकि चुनाव के बाद मजबूत दबाव समूह की तरह काम किया जा सके। अगर वे इसमें कामयाब होते हैं तो प्रधानमंत्री की कुर्सी भी किसी के लिए पक्की नहीं रह जाएगी। फिर इस समूह के नेता तय करेंगे कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा और कैसे काम करेगा।