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प्रशांत किशोर अब मुश्किल में पड़ सकते है क्योंकि उनके ऊपर जालसाजी का आरोप लगा है, प्रशांत किशोर ने 'बात बिहार की' कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम को पहले दिन ही बिहार की जनता का जबरदस्त रिस्पांस मिला। सूत्रों के मुताबिक पहले दिन इस कार्यक्रम से तीन लाख से ज्यादा लोग जुड़े। इस कार्यक्रम से जुड़ने वालों में सबसे ज्यादा संख्या पटना जिले के लोगों की है।
प्रशांत किशोर के खिलाफ पाटलिपुत्र थाने में जालसाजी के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उनपर अपने अभियान (बात बिहार की) के लिए कंटेट की नकल करने का आरोप लगा है। मोतिहारी के रहने वाले शाश्वत गौतम ने एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में एक अन्य युवक ओसामा का भी नाम है। ओसामा पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ सचिव का चुनाव लड़ चुका है। केस दर्ज करवाने वाले शाश्वत पूर्व में कांग्रेस के लिए काम कर चुके हैं।
दरअसल शाश्वत गौतम ने 'बिहार की बात' के नाम से अपना एक प्रोजेक्ट बनाया था, जिसे भविष्य में लॉन्च करने की बात चल रही थी। इसी बीच उनके यहां काम करने वाले ओसामा नाम के युवक ने इस्तीफा दे दिया। आरोपों की मानें तो उसी ने शाश्वत गौतम के प्रोजेक्ट (बिहार की बात) के सारे कंटेंट प्रशांत किशोर के हवाले कर दिए। इसके बाद प्रशांत किशोर ने उन सारे कंटेंट को अपनी वेबसाइट पर डाल दिया।
सूत्रों के मुताबिक, शाश्वत गौतम ने पुलिस को साक्ष्य भी दिए हैं। उनका दावा है कि अपने कंटेंट के साथ उन्होंने वेबसाइट को जनवरी माह में ही रजिस्टर्ड करवाया था। जबकि प्रशांत किशोर ने अपनी वेबसाइट को फरवरी में पंजीकृत करवाया।
इधर, केस दर्ज होने के बाद पटना पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है। धारा 420, 406 के तहत हुई एफआईआर में कई कागजातों को जांच टीम खंगालेगी। इस मामले में पटना पुलिस के आला अफसर सुपरविजन करेंगे जिसके बाद केस को सही या गलत करार दिया जाएगा। फिर आगे की कार्रवाई होगी।
शाश्वत गौतम बिहार के पूर्वी चंपारण के चैता गांव के रहने वाले हैं। वे पेशे से इंजीनियर हैं। काफी दिनों तक वे अमेरिका में रहे। वर्ष 2011 में अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी स्थित जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी ने शाश्वत गौतम का चयन ग्लोबल लीडर्स फेलो के रूप में हुआ। उन्होंने वहां एमबीए की पढ़ाई की। जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में 2012 में छात्र संघ का चुनाव जीता।
बतादें कि 18 फरवरी को प्रेस कांफ्रेंस में इस कार्यक्रम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि मैं ऐसे लोगों को जोड़ना चाहता हूं जो बिहार को अग्रणी राज्यों की दौर में शामिल करना चाहते हैं, जो लोग बिहार को अगले 10 सालों में टॉप 10 राज्यों में देखना चाहते हैं। वह इस कार्यक्रम से जुडेंगे। उन्होंने साफ किया था कि जब तक जीवित हूं बिहार के लिए पूरी तरह समर्पित हूं, मैं कहीं नहीं जाने वाला हूं। मैं आखिरी सांस तक बिहार के लिए लड़ूंगा।