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विजय सिन्हा को नेता प्रतिपंक्ष बनाये जाने पर त्वरित प्रतिक्रिया
बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष विजय सिन्हा को नेता प्रतिपंक्ष बनाये जाने के साथ ही यह साफ हो गया कि सदन के संचालन के दौरान राजद विधायक को तवज्जो देना और सदन में अपने ही सरकार के मंत्री का फजीहत करना दिल्ली के रणनीति का हिस्सा था ।
हालांकि आज नीतीश कुमार ने इसकी चर्चा विश्ववास मत के दौरान अपने संबोधन में भी किया है जिसमें उन्होंने कहा कि ये गठबंधन बिहार बीजेपी की वजह से नहीं टूटा है यह गठबंधन दिल्ली की वजह से टूटा है जो विधानसभा चुनाव के परिणाम के दिन से ही मुझे लगातार अपमानित करवा रहे थे ।
नीतीश के आरोप में दम जरुर है क्यों कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का रवैया भी कुछ ऐसा ही था जब हो सरकार पर आरोप लगाने से बचते नहीं थे,पिछले माह ही विधानसभा के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री की तस्वीर तो छोड़िए कही नाम भी नहीं दिया गया था।
देखिए आगे आगे होता क्या है लेकिन इतना तो तय हो गया कि विजय सिन्हा के नेता प्रतिपंक्ष बनाये जाने के बाद बिहार विधानसभा का शांतपूर्ण संचालन काफी मुश्किल होगा ।