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सात समुंदर पार कर इंग्लैंड से सुल्तानगंज गंगा घाट पहुंची भोलेनाथ की दीवानी रेबेका
सावन के महीने का हर शिव भक्तों को इंतजार रहता है . सावन आते ही श्रावणी मेले की शुरुआत हो जाती है. मेले के शुरुआत होते ही शिवभक्तों का उल्लास देखते ही बनता है. पूरे बिहार-झारखंड में भक्तों में भोले के प्रति बेहद उत्साह है. सावन महीना को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है .
भोलेनाथ को खुश करने के लिए भक्त हर मुमकिन कोशिश करते है. बेलपत्र से लेकर जल तक भक्त भोले को खुश करने के लिए सब अर्पित करते है. दूर-दराज से लोग बाबा भोलेनाथ के प्रसिद्ध मंदिरों में जलाभिषेक करने पहुंचते है. उन शिवभक्तों में ही शामिल है इंग्लैंड की रेबेका. सात समंदर पार से भागलपुर आई रेबेका भोलेनाथ की भक्त हैं.
सावन के पावन महीने में यूं तो देश के कई हिस्सों सहित पड़ोसी देश नेपाल, भूटान से श्रद्धालु सुल्तानगंज के अजगैवीनाथ धाम के गंगा घाट से जल भर कर देवघर में बाबा बैद्यनाथ धाम में भोलेनाथ को जल अर्पण करने जाते हैं.
लेकिन इस सावन सुल्तानगंज के लोगों ने कुछ अलग देखा सात समंदर पार कर शिव कि महिमा से रूबरू होने इंग्लैंड से रेबेका सुल्तानगंज पहुंची. रेबेका इंग्लैंड में पेशे से टीचर है. रेबेका इंग्लैंड में अपने पति के साथ रहती है और आपको बता दें उनके पति उत्सव भागलपुर के रहने वाले है.
रेबेका बताती है इंग्लैंड में अपने पति के साथ एक दिन 110 किलोमीटर पैदल कांवर यात्रा के बारे सुनी थी. तब रेबेका को इस पैदल यात्रा को करीब से देखने कि उत्सुकता हुई. जिसके बाद से वह सुल्तानगंज आने कि ठान ली. पैदल कांवर यात्रा देखने के लिए रेबेका ने भागलपुर के पनसल्ला निवासी उत्सव से शादी रचा ली. उत्सव कई सालों से इंग्लैंड में नौकरी करता है.
रेबेका को पता था कि पैदल कांवर यात्रा सावन के पावन माह मे शुरू होती है और फिर सावन माह आने से पहले ही रेबेका अपने पति उत्सव को सुल्तानगंज ले जाने कि जिद करने लगी. जिसके बाद उत्सव रेबेका को लेकर सुल्तानगंज पहुंचा. सुल्तानगंज में श्रद्धालुओं में भगवान भोलेनाथ के प्रति श्रद्धा देख रेबेका अचंभित रह गई.
इंग्लैंड से भागलपुर श्रावणी मेले में पहुंचने के बाद रेबेका ने सुल्तानगंज के अजगैवी गंगा घाट पर शिव के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए मां गंगे को प्रणाम कर सिर पर गंगा जल लगाकर आशीर्वाद लिया. वहीं, उत्सव ने बताया कि रेबेका हिन्दू धर्म और भगवान भोलेनाथ के प्रति लोगों कि श्रद्धा देख काफी प्रभावित है.
रेबेका बार-बार पैदल कांवर यात्रा को नजदीक से देखने कि जिद करती थी. जिसके बाद से मुझे रेबीका को सुल्तानगंज लाना पडा. जिसके बाद रेबेका की श्रद्धा उसे इंग्लैंड से बिहार खींच लाई.
Source : Zee News