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राजद नेता शिवानंद तिवारी को फोन पर दी भद्दी भद्दी गालियाँ, उन्होंने गाली देने वाले को भावुक होकर कही ये बात
शिवानंद तिवारी
आज के अख़बारों में प्रधानमंत्री जी की देश में एकता और सामंजस्य क़ायम रखने की अपील छपी है. इस अपील पर मैं टिप्पणी लिख रहा था उसी समय मेरे मोबाइल पर एक अपरिचित नम्बर से फ़ोन आया. जैसे मैंने उठाया उधर से बहुत अभद्र ढंग से पूछा गया कि तू कौन बोल रहा है ! मुझे लगा उन्होंने ग़लत नम्बर लगा दिया है. जैसे मैंने अपना नाम बताया, उन्होंने मेरी मा-बहन शुरू कर दी. प्रधानमंत्री की अपील पर टिप्पणी के बाद नीचे उनको संबोधित करते हुए जो मैंने लिखा, अंत में वह उनके नम्बर पर है. --
आज के अख़बारों में प्रधानमंत्री जी का भाषण छपा है. उन्होंने अपील किया है कि हर हालत में देश में एकता और सामंजस्य क़ायम रहना चाहिए. देश के प्रति निष्ठा और समर्पण का भाव रखने वाला प्रत्येक नागरिक प्रधानमंत्री जी की इस बात से सहमत होगा. लेकिन देश में एक धारा ऐसी है जो बहुत सक्रिय होकर देश की एकता और सद्भाव को कमज़ोर करने में लगी है. अभी हरिद्वार में तीन दिनों का धर्म संसद हुआ. उस तथाकथित संसद में गेरुआधारी साधु संतों ने जिस प्रकार नफ़रत और घृणा फैलाने का संदेश दिया है वह देश के लिए अत्यंत ख़तरनाक है। उन भाषणों का वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी तेज़ी से प्रसारित हुआ है. प्रधानमंत्री जी की जानकारी में निश्चित रूप से उक्त धर्म संसद जिसको अधर्म संसद कहना ज़्यादा उचित होगा,आया होगा.
उस घृणा और नफ़रत का शिकार मुझे भी बनाया गया. किसी अंजान व्यक्ति ने मुझे बहुत गाली दी. उनकी राय में गाय को लेकर सावरकर साहब की राय को सामने लाकर मैंने हिंदू धर्म का अपमान किया है. यह प्रकरण ए एन आई को संबोधित मेरी एक प्रतिक्रिया को लेकर है. उस व्यक्ति से मुझे निजी तौर पर कोई शिकायत नहीं है. उसके दिमाग़ में भी ज़हर भरा गया है.
आज हमारा देश इसी तरह की विष बेलों से चारो ओर से घिरा हुआ है. ऐसी परिस्थिति में देश के अंदर का यह ज़हरीला माहौल देश की सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा है. देश की सुरक्षा किसी भी सरकार का प्राथमिक दायित्व है. अत: प्रधानमंत्री जी से मेरा विनम्र निवेदन है कि देश को कमजोर करने वाले इन तत्वों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई करें.
जिन्होंने मुझे फ़ोन पर धमकाया और गाली दी उनका नम्बर व्हाट्सऐप पर भी है. मैंने उस व्हाट्सऐप पर उनको निम्नलिखित जवाब भेजा है.
91 97267 85934 पता नहीं आप कौन हैं. शायद आपको जानकारी नहीं होगी. मेरी उम्र 78 वर्ष है . आपने मेरी माँ को गाली दी. मेरी माँ की मृत्यु को छतीस वर्ष हो गए हैं. उनको गाली दे कर आप समझ रहे होंगे कि आपने हिंदू धर्म की सेवा की है. मैंने क्या कहा ? कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बयान में गाय को लेकर सावरकर साहब की राय को उद्धृत किया था. उन्हीं की बात पर पत्रकार ने मेरी प्रतिक्रिया पूछी. इस सवाल पर सावरकर जी की राय सर्वविदित है. किताबो मे छपी हुई है. गाय को वे एक उपयोगी जानवर मानते हैं. लेकिन उसको माँ का दर्जा देने का वे विरोधी हैं. मैंने इस बात के साथ सहमति जताई. सावरकर कहते हैं कि एक जानवर को माँ का दर्जा देना मनुष्य जाति का अपमान है.
किसी को गाली देना मैं असभ्यता की निशानी मानता हूँ. लेकिन इस सवाल पर आप गाली का प्रयोग करने के लिए व्याकुल ही हैं तो उसका लक्ष्य तो सावरकर साहब को होना चाहिए, मैं नहीं.
जिस तरह आप या आप जैसे लोग ज़हर उगल रहे हैं, नफ़रत और घृणा फैला रहे हैं इससे देश की संस्कृति को गंभीर नुक़सान पहुँच रहा है.
आज के अख़बारों में प्रधानमंत्री जी की चेतावनी छपी है. उन्होंने देश के नागरिकों से हर क़ीमत पर देश में एकता और सद्भाव कायम रखने की अपील की है. लेकिन दुर्भाग्य है कि अभी हरिद्वार में तथाकथित धर्म संसद में गेरुआ धारियों के मुँह से जैसा ज़हर निकल रहा था वह देश के लिए बहुत घातक साबित हो रहा है. आपने जिस ढंग से मुझे अपमानित करने का प्रयास किया है वह क़ानूनन अपराध की श्रेणी में आता है. लेकिन मैं ऐसा कुछ नहीं करने जा रहा हूँ. हिंदू धर्म दुनिया का प्राचीनतम धर्म माना जाता है. आपके जैसे सिरफिरे लोग इस धर्म को अपमानित कर रहे हैं. अनुरोध है कि आपने आवेग में जो कुछ मुझसे कहा है उसको याद कीजिए और उसके लिए प्रायश्चित कीजिए.'आपका शुभचिंतक-शिवानन्द तिवारी