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पटना । सबकी निगाहें बिहार विधानसभा चुनाव पर टिकी है। वहीं, दूसरी ओर सट्टेबाजों और बुकियों की निगाहें भी इस चुनाव पर है। पर, ऐसा पहली बार हुआ जब सट्टा बाजार का भाव खुलने के बाद भी एक पार्टी के सिर ताज की बात नहीं कर रही है। पिछले विधान सभा चुनाव के आधा भी इस बार सट्टा नहीं लगाया जा सका है। भाव 25 हजार करोड़ से घटकर 10 हजार के आसपास तक सिमट गया है।
जोड़तोड़ कर सरकार बनाने पर लगे सबसे कम भाव
बिहार विधानसभा के लिए मचे घमासान का फायदा उठाने के लिए सट्टेबाज भी सक्रिय हो गए हैं। कुल 243 विधानसभा क्षेत्रों के चुनावों को लेकर बुकियों की रणनीति तैयार हो चुकी है। भाव खुल चुके हैं। सूत्रों की मानें तो करीब 10 हजार करोड़ रुपये का सट्टा लगने की उम्मीद सट्टाबाजार कर रहा है। बुकियों का मानना है कि न केवल कांटे की टक्कर है बल्कि फोटो फिनिश में जीत की तरफ कौन सी पार्टी है इसपर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। जो भी हो लेकिन, सबसे कम भाव जोड़तोड़ कर सरकार बनाने पर लगी है। भाव कम होना मतलब वह टक्कर में सबसे आगे है।
वर्चस्व की लड़ाई तो किसी के लिए है अग्निपरीक्षा
एक बुकी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस बार हर राजनीतिक दल के लिए यह चुनाव न केवल वर्चस्व की लड़ाई बना हुआ है बल्कि बिहार के सबसे कद्दावर नेता एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए ये चुनाव अग्निपरीक्षा माना जा रहा है। सट्टा बाजार में घमासान मचा है। कांटे की इस टक्कर में बुकी भी अभी प्रचार थमने का इंतजार कर रहे हैं और अपनी तरफ से सर्वे में जुट गए हैं। देश के सबसे बड़े सट्टा बाजार फलौदी में भी दो पार्टी के बीच कांटे को लड़ाई तय मानी जा रही है, क्योंकि दो सबसे बड़ी पार्टी के भाव मे मामूली अंतर बताया जा रहा है।
क्या है सट्टा बाजार के आंकड़े
जनता को लुभाने में पूरी ताकत झोंक चुके नेता अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं. टीवी चैनलों के ओपीनियन पोल की समीक्षा करें तो लगभग सभी चैनलों के ओपीनियन पोल बिहार में एनडीए गठबंधन की सरकार बना रहे हैं लेकिन सट्टा बाजार इस दावे के बिलकुल उलट बिहार में महागठबंधन की सरकार बनवा रहा है. भारत-पाकिस्तान सीमा पर मौजूद राजस्थान का फलोदी जिला सट्टा बाजार के लिए जाना जाता है. यहां से जो आंकड़े निकलकर आए हैं वो बताते हैं कि इस बार सट्टा बाजार एनडीए को 93-96 सीटों पर जिता रहा है जबकि आरजेडी को 91-94 सीट दे रहा है. इसके अलावा सट्टा बाजार को उम्मीद है कि बाहर में कांग्रेस पार्टी को 29 से 31 सीट मिलने जा रही है.
महाराष्ट्र के सट्टा बाजार की बात करें तो यहां एनडीए को 88-90 सीटें दी जा रही है जबकि लालू यादव की पार्टी आरजेडी 92-94 सीटें जीतती हुई नजर आ रही है. महाराष्ट्र का सट्टा बाजार कांग्रेस को भी 30-32 सीट पर जीतते हुए दिखा रहा है. बात करें गुजरात के सट्टा बाजार की तो यहां एनडीए 88-91 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है जबकि आरजेडी को 125 सीटों पर जीत का अनुमान लगाया गया है.
सट्टा बाजार के आंकड़े अगर सच साबित होते हैं तो बिहार में आने वाले दिनों मे सरकार बनाने के लिए हॉर्स ट्रेडिंग की जबर्रदस्त संभावना बनती हुई नजर आ रही है क्योंकि मामला काफी नजदीकी है. ऐसे में निर्दलीय उम्मीदवारों की चांदी हो सकती है जिसे सरकार बनाने के लिए हर पार्टी अपने खेमे में लाने की कोशिश करेगी. ऐसा माना जाता है कि सट्टा बाजार पूरे तरीके से जनता के रूझानों के हिसाब से ही परिणाम तय करता है इसलिए सट्टा बाजार के आंकड़े सटीक बैठते हैं.
(नोट- सट्टा बाजार गैरकानूनी है और हम सट्टा बाजार को किसी भी तरह प्रमोट नहीं करते हैं. इस खबर का मकसद सिर्फ सट्टा बाजार में चल रहे आंकड़ों को हमारे पाठकों तक लाना था)