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बिहार विधानसभा की हालत देखकर भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरु की आत्मा रोई जरुर होगी
पंकज चतुर्वेदी
बिहार के संसदीय इतिहास में मंगलवार का दिन अमंगल के रूप में आया। पक्ष-विपक्ष की जिद ने ऐसी स्थिति पैदा की कि बिहार एकबार फिर शर्मसार हुआ। सुबह से शाम तक पुलिस बिल के खिलाफ सड़क से सदन तक संग्राम पसरा रहा। विपक्ष बिल को सदन में पेश होने से रोकने पर आमादा था। उसका तर्क था कि इससे आम आदमी का अधिकार छीना जाएगा। वहीं, सत्ता पक्ष का कहना था कि यह विशेष पुलिस बिल है। इसकी सामान्य पुलिस से कोई सरोकार नहीं है।
बिहार विधानसभा में मंगलवार को हुए बवाल के दौरान कई विधायकों, पुलिसकर्मियों और पत्रकारों को चोटें आई हैं। इस दौरान राजद विधायक सतीश दास को गंभीर चोट आई है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। वहीं सीपीआई के विधायक सत्येन्द्र यादव और राजद विधायक रीतलाल यादव के घायल होने की सूचना आ रही है। राजद विधायक सतीस दास ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें पुलिस ने बुरी तरह से पीटा है। घायल विधायक के लिए एम्बुलेंस बुलाया गया और स्ट्रेचर पर लाद कर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यह बिल मंगलवार को ही पेश किया जा रहा था। इसके विरोध में सुबह 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होती है ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सदन में न सिर्फ बिल की प्रति फाड़ी गई, बल्कि उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद से इसकी प्रति छीनने की भी कोशिश की। हालांकि इसके अधिकार पर ने तीव्र प्रतिकार किया है। वहीं, शाम को जब बिल पेश हुआ तो सदन के अंदर और विस अध्यक्ष के कार्यालय के बाहर धरना और नारेबाजी शुरू हो गई। सभा अध्यक्ष सदन में न जा सकते हैं, इसलिए विपक्षी सदस्य उनके कार्यालय कक्ष के सामने धरने पर बैठ गए। यह नहीं है, उनके कक्ष के मुख्य द्वार को रस्सी बांधकर बंद कर दिया गया।
विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर के बाहर विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान पुलिस को बुलाया गया। पटना डीएम और एसएसपी सहित भारी पुलिस फोर्स सदन के अंदर पहुंची। विपक्षी सदस्यों डीएम और एसएसपी सहित पुलिसकर्मियों के साथ जमकर धक्का-मुक्की की।
विपक्ष के कई विधायकों ने डीएम और एसएसपी के साथ बदसलूकी भी की। विधानसभा चेंबर के बाहर मौजूद विपक्षी विधायकों को हटाने के लिए मंगल को भी बुलाया गया। वहां पहुंचे दर्जनों मार्शलों ने विपक्षी दलों के सदस्यों को वहां से हटाने की कोशिश में जुटे रहे।
इस बीच सदन में मंत्री अशोक चौधरी और राजद विधायक चंद्रशेखर के बीच हाथापाई हो गई। अशोक चौधरी ने राजद विधायक को धक्का दे दिया। वहीं विधायक चंद्रशेखर ने भी मंत्री अशोक चौधरी की ओर से माइक्रोफोन फेका।
कई विधायक पुलिस की पिटाई से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल भेजा गया।
महिला विधायकों के कपड़े फ़टे। एक महिला विधायक ने उनकी सोने की चैन पुलिस द्वारा लूट लेने का आरोप लगाया।
ऐसे लोकतंत्र की कल्पना तो भगत सिंह और साथियों ने की नहीं थी।