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आज कुछ देर पहले विहार विधान सभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव का फेस बुक पर एक अपील जनता के नाम पढ़ा इसमें उन्होंने नारा दिया है पूरी करेगी सब जन सरोकार आने वाली है जनता सरकार। यह नारा आरजेडी के पिछले नारों से तो अलग है ही अपनी अपील में तेजस्वी ने बिहार में जात पात से उपर उठकर मुद्दों पर आधारित राजनीति करने का दावा किया है।इसके पहले जब कभी भी आरजेडी का चुनावी नारा लालू और राबड़ी से शुरू होकर उसी से अंत होता था।
मुझे पूरी तरह याद है। पूर्व ऊर्जा मंत्री शकील अहमद जी आरजेडी छोड़कर जदयू में शामिल हुए थे। इस अवसर पर सीएम नीतीश कुमार खुद मौजूद थे। प्रेस बालों से बात चीत के क्रम में हमने नीतीश जी से पूछा था कि क्या बात है कि आरजेडी के जो सभी मुख्य प्रवक्ता रहे उनको आपने जदयू में शामिल कर लिया है। यानी शिवानंद तिवारी श्याम रजक डॉक्टर राम वचन रॉय शकील अहमद समेत लालू के सभी बड़े करीबी नेताओं को आपने अपने साथ लिया है।
नीतीश जी मुस्कुराइए और बोले जब उस पार्टी में बोलने वाला ही नहीं रहेगा तो फिर पार्टी की हैसियत क्या रह जाएगा ।तेजस्वी के जमाने में जमाना बदला है। शकील साहब तो दुनिया में नहीं रहे।आज शिवानंद तिवारी श्याम रजक उदय नारायण चौधरी प्रेम कुमार मणि जैसे नीतीश के पुराने सहयोगी अब आरजेडी में है तो मनोज झा जैसे नए लोग भी। अभी आरजेडी में प्रदेश स्तर में 14 प्रवक्ता है। जिसमें तेज तर्रार मृतुन्जय तिवारी भाई विरेंद्र शक्ति सिंह यादव और प्रोफेसर एज्या यादव लोग है तो नेपथ्य में रहकर दिलीप मंडल जय शंकर गुप्त संकर्षण ठाकुर जैसे बुद्धि जीबी और पत्रकार भी देश की राजधानी दिल्ली हो या अन्य जगहों से तेजस्वी को सहयोग कर रहे है।
दिल्ली में तो मनोज झा ने कमान ही संभाल रखी है। इतना ही नहीं कभी अराजक दिखने वाले आरजेडी के कार्यालय का काया कल्प हो चुका है। महान विभूतियों की तस्वीरों से दीवाल सज चके है तो जगदानंद सिंह ने अनुशासन की छड़ी को मजबूती से लागू किया है। जंगल राज और जातिवादी राजनीति का पर्याय बन चुकी आरजेडी के परिवर्तन का कमाल है कि हमेशा बैंक फुट पर रहने वाली आरजेडी अब फ्रंट फुट पर खेलने लगी है और गुरुवार को आरजेडी के दलित नेताओं के आरोप का जवाब देने के लिए शनिवार को जदयू के मंत्रियों को आगे आना पड़ता है। निश्चित रूप से आरजेडी के इस बदलते सूरत में तेजस्वी का चेहरा दिखने लगा है।हो सकता है इसका तुरंत लाभ इस चुनाव में पार्टी को ना मिले लेकिन असर तो होगा ही। हालाकि चुनाव परिणाम आने में थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा लेकिन इतना तय है कि जब सूरत बदलती तो लोग अनायास ही उस ओर देखने को विवश हो जाते है। तेजस्वी की टीम को बधाई।