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धन्यवाद प्रधान मंत्री जी ,आपने हमें ऊपर वाले के भरोसे ही छोड़ दिया!
आज चैत्र नवरात्र का समापन यानी दशमी है। गुरुवार को रामनवमी के दिन माननीय प्रधानमंत्री जी आपने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की। उम्मीद थी कि कोरोनो से प्रभावित राज्यों के लिए कोई पिटारा खोलेंगे लेकिन यह क्या जो राज्यों ने मांग की आपने उसका दशाश भी पूरा नहीं किया।
फिर शाम ने खबर अाई की रामायण के वक्त ही आप देश वासियों को कोई संदेश देंगे।लेकिन यह क्या आज फिर आपने वहीं बात दोहराई। कोरोना जैसे अंधकार से लडने के लिए रविवार की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए रोशनी जलाने की अपील की है।
लेकिन यह तो आपने बताया नहीं की जोगरीब एक ही घर में अपने बच्चों के साथ रह रहे जिनका रोटी छीन गया है जिनके घर में अंधेरा है वो दिए कैसे जलाए। सरकारी घोषणाओं के बावजूद धरातल पर अनाज नहीं पहुंचा है और उनका चूल्हा नहीं जल रहा।
इनके लिए तो एक उम्मीद की किरण तो आप ही है ।अगर आप अपने अधिकारियों अपने समर्थकों की कहते की रविवार की रात इन घरों में जाकर उनकी भूख मिटाने और घर में अंधरा दूर करने के लिए राशन और एक मोमबत्ती ही पहुंचा दे, तो यह बड़ी अपील होती।लेकिन आपने भी ती उन्हें उस उपर वाले के भरोसे छोड़ दिया जो खुद लॉक डाउन में है ।