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महागठबंधन के सीटो का एलान -दो कदम तुम पीछे दो कदम हम पीछे
बिहार में लोकसभा चुनाव की सभी 40 सीटो पर महागठबंधन के सीट शेयरिग का एलान हो गया है और राजद ने शिवहर को छोड़ सभी सीटो पर उम्मीदवारो की भी घोषणा कर दी है.उम्मीदवारो की घोषणा के साथ ही पिछले एक पखबाडे से महागठबंधन के नेताओं के बीच चली आ रही खींचतान पर भी फिलहाल विराम लग गया है.
लेकिन सीट शेयरिंग को अगर गंभीर रूप से देखे तो पता चलता है कि दरभंगा सीट पर कांग्रेस ने अपनी बलि दी है तो सुपौल सीट पर राजद ने. मधेपुरा में पप्पू यादव की उम्मीदवारी के बाद राजद के द्वारा सुपौल में अपने उम्मीदवार को खड़ा करने के एलान के बाद ऐसा लग रहा था कि यह गठबंधन टूटना तय है. लेकिन दोनों दलो ने सूझ बूझ से काम लिया है और फिलहाल रंजीता रंजन के बहाने कांग्रेस ने राहत की सांस ली है तो दरभंगा में अब्दुल बारी सिद्दिकी को लेकर राजद ने.
हालांकि मिथिलांचल में कांग्रेस का सूपड़ा चुनाव से पहले ही साफ हो गया है और दरभंगा , मधुबनी और झंझारपुर राजद के हाथ मे चली गयी है तो कर्पूरी की धरती समस्तीपुर और उजियारपुर दोनो जगह से राजद बेदखल हो गयी है. बेतिया और मोतिहारी दोनों सीटे रालोसपा को देकर कांग्रेस और राजद आंतरिक विवाद से निश्चिंत हो गयी है .यही वजह है कि कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के संयोजक अखिलेश सिंह मौन है तो राजद के राजन तिवारी की भी बोलती बंद.सबसे चौकांने वाला काम राजद ने सारण में चंद्रिका राय को टिकट देकर किया है.
तेज प्रताप प्रकरण के बाद लालू परिवार के खिलाफ लोगो में आक्रोश था जिसे चंद्रिका राय को टिकट देकर सारण के लोगों की सहानुभूति लेने की कोशिश की गयी है. यही हाल महराजगंज का है. प्रभुनाथ सिंह के जेल में रहने और उनके बेटे रणधीर सिंह के विधानसभा चुनाव में हारने के बाद वहां राजपूतो में भयंकर आक्रोश था जिसको कम करने की कोशिश की गयी है और रणधीर को भी सहानुभूति का लाभ मिल सकता है. वी आई पी पार्टी को खगड़िया मधुबनी और मुजफ्फरपुर सौप कर तेजस्वी ने एक तीर से तीन शिकार किये. देवेन्द्र प्रसाद यादव , अली अशरफफातिमी और रणवीर यादव को आसानी से निपटा दिया गया है. देखना है कि ये सूरमा अपना बगावती तेवर कितना दिखा पाते है.
फिलहाल कह सकते है कि कीर्ति आजाद को कांग्रेस अगर बेहतर तरीके से निपटा लेती है तो सब कुछ ठंढा - ठंढा कूल - कूल.अब देखना है कि तेजस्वी शिवहर में अपने भाई तेज प्रताप के उम्मीदवार या फिर रामा सिंह की नैया पार लगा पाती है या नही फिलहाल लवली आनंद तो भंवर में डूबने के कगार पर है.पाटलिपुत्रा में मीसा भारती को खड़ा कर लालू परिवार ने संकेत दिया है कि वो भले चुनाव हारी है हिम्मत नही.