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बिहार से 24 घंटे में तीन चौंकाने वाली खबर, सीएम नीतीश कुमार को लेकर क , ख , ग को पढिए
बिहार राज्य में इस समय राजनैतिक घमासान मचा हुआ है। बीते 24 घंटे में बिहार से तीन चौंकाने वाली खबर सामने या रही है जो बहुत कुछ बोल रही है।
1-बिहार के सीएम नीतीश कुमार का नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की इफ्तार पार्टी में जाना.
2.गृह मंत्री अमित शाह के अचानक एयरपोर्ट पर स्वागत में जाना
3.सीएम आवास खाली कर नए बंगले में जाना.
अमित शाह के बिहार आगमन के ठीक पहले सुशील मोदी का एक ट्वीट बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है। जानकार बता रहे हैं कि मोदी ऐसे समय में टीम शाह पर हमला बोला है जब टीम शाह का बिहार में नेतृत्व कर रहे नित्यानंद राय के कार्यशैली को लेकर बीजेपी के अंदर जबरदस्त असंतोष फैल गया है। कहने वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि बीजेपी में सुशील मोदी के घोर विरोधी भी इस बात को लेकर सहमत है कि कुछ भी था सुशील मोदी कार्यकर्ताओं की बात तो सुनते थे इस समय बिहार बीजेपी में जो कुछ भी हो रहा है लगता ही नहीं है कि यह बीजेपी पार्टी है ।
मोदी ट्वीट क्या किया है जरा आप भी पढ़ ले—-----------
विधान परिषद चुनाव और बोचहा उपचुनाव में हार की समीक्षा करेगा एनडीए —-सुशील कुमार मोदी
1. बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए को दस सीटों का नुकसान और फिर विधानसभा के बोचहा उपचुनाव में एनडीए उम्मीदवार का 36 हजार मतों के अंतर से पराजित होना हमारे लिए गहन आत्मचिंतन का विषय है।
एनडीए नेतृत्व इसकी समीक्षा करेगा, ताकि सारी कमियांँ दूर की जा सकें।2. बोचहा विधानसभा क्षेत्र की एक-एक पंचायत में एनडीए विधायकों-मंत्रियों ने जनता से सम्पर्क किया था। पूरी ताकत लगायी गई थी। सरकार ने भी सभी वर्गों के विकास के लिए काम किये और सबका विश्वास जीतने की कोशिश की। इसके बाद भी एनडीए के मजबूत जनाधार अतिपिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था। इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा।
3. वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में एनडीए के घटक दलों ने पूरे तालमेल से एक-दूसरे को जिताने के लिए मेहनत की थी, जिससे हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था। गठबंधन के खाते में राज्य की 40 में से 39 सीटें आयी थीं, जबकि राजद सभी सीटें हार गया था।
4. बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव और विधानसभा की बोचहा सीट पर उपचुनाव में एनडीए के घटक दलों के बीच 2019 जैसा तालमेल क्यों नहीं रहा, इसकी भी समीक्षा होगी। अगले संसदीय और विधानसभा चुनाव में अभी इतना वक्त है कि हम सारी कमजोरियों और शिकायतों को दूर कर सकें।
क—बोचहा के परिणाम से बीजेपी के विधायक दहशत में हैं। 2015 में लालू प्रसाद ,नीतीश कुमार और कांग्रेस का सबसे मजबूत गठबंधन साथ में चुनाव लड़ रहा था उस समय में भी बीजेपी तिरहुत और चंपारण के इलाके में बड़ी जीत हासिल की थी इस बार भी 2020 के चुनाव में पहली बार बीजेपी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनी है उसमें भी तिरहुत और चंपारण की बड़ी भूमिका रही है इसकी बड़ी वजह यह है कि बीजेपी भूमिहार,राजपूत और ब्राह्मण के साथ साथ इस इलाके के अति पिछड़े वोटर को साधने मे कामयाब हो रहा है ।
लेकिन इन इलाकों में बीजेपी का कोर वोटर पहली बार बिहार विधान परिषद और बोचहा के चुनाव में साथ छोड़ा है और इस वजह से बेतिया, सिवान,मोतिहारी ,सारण,मधुबनी में एनडीए का उम्मीदवार तीसरे नम्बर पर पहुंच गया,वही बीजेपी बेगूसराय इसलिए हार गयी की जदयू पूरी तौर पर कांग्रेस के साथ खड़ी हो गयी ।
इस परिणाम से बीजेपी के 50 से अधिक विधायक की परेशानी बढ़ गयी है क्यों कि बीजेपी का कोर बनिया 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में ही साथ छोड़ चुका है ऐसे में अगर सवर्ण वोटर बीजेपी से दूरी बना लेता है तो तिरहुत,चंपारण में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो जायेगा इस बात की चर्चा अब बीजेपी के विधायकों के बीच खुल कर होने लगी है बीजेपी के एक सीनियर विधायक जो सुशील मोदी के गुड बुक में नहीं रहे हैं उनसे आज बात हो रही थी उन्होंने कहा कि केन्द्रीय नेतृत्व अचानक नित्यानंद को नाम थोप देता तो विधायक स्वीकार भी कर लेता लेकिन अब विद्रोह हो जायेगा भूमिहार नाराज है ही वीर कुंवर सिंह की जयंती में जिस तरह से राजपूत के तमाम सांसद और विधायक को नजरअंदाज किया गया है समझ से पड़े हैं।
ख----राष्ट्रपति चुनाव में खेला होबे
बीजेपी के एक सांसद का कहना है कि बीजेपी बिहार में किसके सहारे 2024 का चुनाव लड़ेंगी सोच कर हैरानी होती है संतोष जी मोदी जी का ट्वीट वैसे ही इस समय नहीं आया है बिहार बीजेपी में मोदी जी से व्यक्तिगत झगड़ा थोड़े ही है किसी को लेकिन जब तय करना होगा कि मोदी या नित्यानंद तो फिर दो चार विधायक नित्यानंद के नाम पर सहमत हो जाये तो बड़ी बात होगी एक तो आपके जिला का है दूसरा कौन है समझ ही रहे हैं गिनती के दस नहीं पहुंचेगा और 23 अप्रैल वाला कार्यक्रम तो इसको ले डूबा है । वैसे संतोष जी इस बार का राष्ट्रपति चुनाव बहुत कुछ कह संदेश छोड़ जायेगा की बीजेपी कहां जा रही है वैसे इस बार राष्ट्रपति का उम्मीदवार मोदी का नहीं होगा यह तय है ।
ग---शाह के सहारे मोदी को घेरने की हो रही है तैयारी
जानकार बता रहे हैं कि अमित शाह के कार्य शैली पार्टी के बड़े नेता खासे नाराज हैं से ,राजनाथ सिंह,गडकरी,योगी, वसुंधरा,शिवराज सिंह चौहान,रमन सिंह.येदियुरप्पा और सुशील मोदी जैसे बीजेपी के बड़े नेता शाह के खिलाफ गोलबंद हो चुके हैं। इन नेताओं को पता है कि रावण की तरह मोदी का प्राण भी नाभि(शाह )में बसता है इसलिए हमला शाह पर होगा उसका असर मोदी पर पड़ेगा इस खेल में ब्यूरोक्रेसी और उत्तर भारत के बड़े बड़े उद्योगपति भी शामिल है ऐसा लोगों का कहना है। शुरुआत यूपी चुनाव से हो चुका है और बिहार में वीर कुंवर सिंह की जयंती के सहारे बीजेपी के शाह विरोधी खेमा माचिस लगाने का काम शुरु कर दिया है ऐसे में कल होने वाले कार्यक्रम पर सबकी नजर टिकी हुई है वैसे गंगा पार के अधिकांश विधायक हाथ खड़ा कर दिया है ।