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उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा राज्यपाल को पत्र, नौजवानों को लेकर कही बड़ी बात
उपेंद्र कुशवाहा ने कहां बिहार सरकार द्वारा लंबे अंतराल के बाद राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा एसटीइटी आयोजित किए जाने का निर्णय लिया गया परंतु परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए कुछ ऐसी अजीबोगरीब शर्तें निर्धारित कर दी गई है कि लाखों ऐसे छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे जिन्होंने शिक्षक बनने का सपना मन में संजोए कड़ी मेहनत से पढ़ाई की उन लोगों के भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है
राज्य सरकार के निर्देशानुसार एसपीपीटी में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए सब्जेक्ट कॉन्बिनेशन निर्धारित कर दिया गया है जिससे बड़ी संख्या में B.Ed डिग्री धारी छात्र परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो जा रहे हैं अब यह बात समझ से परे है कि सरकार द्वारा वैसे बच्चों के बीएड में नामांकन की अनुमति ही क्यों दी जाती है जिन्हें वर्षों तक अध्ययन के उपरांत शिक्षक बनने से वंचित हो जाना पड़ता है
भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण संस्था एनआईओएस द्वारा सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु 18 माह की ट्रेनिंग का एक विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया गया था जबकि सामान्य तौर पर ऐसे परिश्रम की अवधि 24 माह की होती है इसके पीछे तर किया था कि 24 महीने की अवधि में 6 महीने के लिए इंटरशिप के लिए छात्रों को किसी विद्यालय में जाकर पढ़ाना पड़ता है जबकि पूर्व में विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक पढ़ाई के कार्य में लगे हुए हैं तो उनके लिए अलग से इंटरशिप की जरूरत नहीं थी
भारत सरकार की उक्त दुर्भाग्यपूर्ण व्यवस्था के कारण आज लाखों प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक सड़क पर जाने को विवश है ऐसे में राज्य की सरकार का दायित्व बनता है कि अपने राज्य में लाखों लोगों के बर्बाद हो रहे भविष्य को नाक बंद कर देखते रहने के बजाय भारत सरकार से अविलंब बात करें प्रशिक्षण प्राप्त कर D.EI.ED के समतुल्य 18 महीने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले के प्रमाण पत्र को भी मान्यता मिल सके और ऐसे लोगों को प्रदेश में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सके