पटना

जदयू-भाजपा में कौन जीता, कौन चुनाव से पहले ही हारा!

Special Coverage News
19 March 2019 10:26 AM GMT
जदयू-भाजपा में कौन जीता, कौन चुनाव से पहले ही हारा!
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बिहार में जद यू और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। सीटों का फार्मूला तो पहले ही तय हो गया था पर जैसे ही यह तय हुआ कि किस सीट से कौन लड़ेगा, बिहार में एनडीए की पार्टियों और नेताओं में खलबली मच गई। अब जदयू और भाजपा के नेता यह हिसाब लगा रहे हैं कि कौन जीता, कौन हारा। सीटों की संख्या के हिसाब से भाजपा को हारा हुआ पहले से माना जा रहा है। भाजपा पिछली बार 30 सीटों पर लड़ी थी और 22 जीती थी। इस बार वह सिर्फ 17 सीट लड़ रही है।

पर सीट बंटवारे में भाजपा ने ज्यादा समझौता नहीं किया है। उसने एकाध अपवाद को छोड़ कर ज्यादातर पारंपरिक सीटें अपने पास रखीं। साथ ही अपने बड़े नेताओं की सीटें भी उसने जदयू के लिए नहीं छोड़ीं। पटना की दोनों सीटों पर भाजपा ही लड़ेगी। पहले कहा जा रहा था कि केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव की पाटलीपुत्र जदयू को जाएगी पर अंत में पाटलिपुत्र और पटना साहिब दोनों सीटें भाजपा ने अपने पास रखीं। पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा की टिकट कटना पहले से तय हो गया है।

इसी तरह भाजपा महाराजगंज और सारण की दोनों सीटें भाजपा ने अपने पास रखीं, जिससे जनार्दन सिंह सिगरीवाल और राजीव प्रताप रूड़ी दोनों की सीट बच गई। ऐसे ही केंद्रीय मंत्री आरके सिंह की आरा सीट भी भाजपा ने बचा ली। भाजपा को सिर्फ गिरिराज सिंह की नवादा सीट से समझौता करना पड़ा। तीन पार्टियों के बंटवारे में नवादा सीट लोजपा के खाते में चली गई इसलिए गिरिराज सिंह को बेगूसराय जाना पड़ा।

भाजपा ने गया की पारंपरिक सीट जदयू के लिए छोड़ी, जिसे लेकर जमीनी स्तर पर बहुत नाराजगी है। भाजपा जनसंघ के जमाने से इस सीट पर लड़ती और जीतती रही है। भाजपा ने यह सीट छोड़ दी। इस तरह पूरे मगध के इलाके में भाजपा किसी सीट पर नहीं लड़ रही है। पर आश्चर्यजनक तरीके से दरभंगा की सीट बचा ली। यह भी भाजपा की पारंपरिक सीट है, जहां से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे करीबी संजय झा लड़ने की तैयारी कर रहे थे पर अंत में यह सीट भाजपा के पास ही रह गई।

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