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जब 30 साल पहले कश्मीर से अल्पसंख्यकों को भगाया तब शाहीन बाग से आवाज़ें क्यों नहीं उठीं : सुशील मोदी
पटना : दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ जारी आंदोलन पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और बिहार के उप-मुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) सुशील कुमार मोदी ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि जब 30 साल पहले धार्मिक अल्पसंख्यकों को कश्मीर से भागने पर मजबूर किया जा रहा था तब शाहीन बाग से आवाजें क्यों नहीं उठीं.
शाहीन बाग में पिछले एक महीने से प्रदर्शन चल रहा है. शाहीन बाग के ट्विटर हैंडल पर शनिवार को कहा गया है कि 19 जनवरी के इवेंट का कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार के दिन के रूप में कोई लेना-देना नहीं है.
#HamWapasAayenge Why Shaheen Bagh never raised their voice when religious minorities were forced to flee Kashmir 30 yrs ago ?
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 19, 2020
टि्वटर हैंडल शाहीन बाग ऑफिशियल पर लिखा गया, 'हम शाहीन बाग के लोग 19 और 20 जनवरी 1990 को हमारे कश्मीरी पंडित भाइयों के साथ हुए अन्याय को पहचानते हैं और उनके साथ एकजुटता से खड़े होंगे.' बयान में कहा गया है, 'धर्म, जाति या संप्रदाय की परवाह किए बिना हम किसी भी समुदाय के साथ किसी भी अन्याय का विरोध करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
दरअसल, फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने टि्वटर पर दावा किया था कि 19 जनवरी को शाहीन बाग में कश्मीरी हिंदू नरसंहार का जश्न मनाया जाएगा. इस दावे को खारिज करते हुए शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि कलह पैदा करने और भाईचारे की भावना पर हमला करने के लिए झूठी जानकारी फैलाई जा रही है.