पटना

जब 30 साल पहले कश्मीर से अल्पसंख्यकों को भगाया तब शाहीन बाग से आवाज़ें क्यों नहीं उठीं : सुशील मोदी

Arun Mishra
19 Jan 2020 11:44 AM GMT
जब 30 साल पहले कश्मीर से अल्पसंख्यकों को भगाया तब शाहीन बाग से आवाज़ें क्यों नहीं उठीं : सुशील मोदी
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जब 30 साल पहले धार्मिक अल्पसंख्यकों को कश्मीर से भागने पर मजबूर किया जा रहा था तब शाहीन बाग से आवाजें क्यों नहीं उठीं.

पटना : दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ जारी आंदोलन पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और बिहार के उप-मुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) सुशील कुमार मोदी ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि जब 30 साल पहले धार्मिक अल्पसंख्यकों को कश्मीर से भागने पर मजबूर किया जा रहा था तब शाहीन बाग से आवाजें क्यों नहीं उठीं.

शाहीन बाग में पिछले एक महीने से प्रदर्शन चल रहा है. शाहीन बाग के ट्विटर हैंडल पर शनिवार को कहा गया है कि 19 जनवरी के इवेंट का कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार के दिन के रूप में कोई लेना-देना नहीं है.



टि्वटर हैंडल शाहीन बाग ऑफिशियल पर लिखा गया, 'हम शाहीन बाग के लोग 19 और 20 जनवरी 1990 को हमारे कश्मीरी पंडित भाइयों के साथ हुए अन्याय को पहचानते हैं और उनके साथ एकजुटता से खड़े होंगे.' बयान में कहा गया है, 'धर्म, जाति या संप्रदाय की परवाह किए बिना हम किसी भी समुदाय के साथ किसी भी अन्याय का विरोध करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

दरअसल, फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने टि्वटर पर दावा किया था कि 19 जनवरी को शाहीन बाग में कश्मीरी हिंदू नरसंहार का जश्न मनाया जाएगा. इस दावे को खारिज करते हुए शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि कलह पैदा करने और भाईचारे की भावना पर हमला करने के लिए झूठी जानकारी फैलाई जा रही है.

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Sub-Editor of Special Coverage News

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