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काम के सिलसिले में कश्मीर गये बाहर के लोगों को जान- बूझकर बनाया जा रहा निशाना : बिहार मुख्यमंत्री
कुमार कृष्णन
पटना: जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा बिहार के मजदूरों की हत्या को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि, "सोमवार की शाम बिहार के मजदूरों के साथ तीसरी आतंकवादी घटना घटी है जिसमें दो मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है और एक मजदूर घायल है जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा है। इस घटना से हमलोग काफी दुखी हैं। इससे पहले भी बिहार के दो मजदूरों की हत्या कर दी गई थी।"
उन्होंने कहा कि कल शाम को घटना की जानकारी मिलते ही हमने जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से बात कर घटना की पूरी जानकारी ली और हत्या पर अपनी गंभीर चिंता जताई और कहा कि बिहार के मजदूरों के साथ यह तीसरी घटना है इसको लेकर हमलोग काफी चिंतित हैं। उप राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन इसको लेकर पूरी तरह से गंभीर है, घटना के दोषियों पर कार्रवाई होगी। उप राज्यपाल के साथ हमलोगों का पुराना संबंध है, वे भी इस घटना से काफी चिंतित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि काम के सिलसिले में कश्मीर गये बाहर के लोगों को जान- बूझकर निशाना बनाया जा रहा है। कल घर में घुसकर बिहार के दो लोगों की हत्या कर दी गई। इस तरह की घटना को लेकर बिहार सरकार पूरी तरह से अलर्ट है और जम्मू-कश्मीर के प्रशासन को भी हमने अलर्ट कर दिया है।
हमने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ भी इस घटना को लेकर चर्चा की है। उन्होंने कहा कि काम करने के लिए देश के किसी भी हिस्से में जाने के लिए हर नागरिक स्वतंत्र है। गरीब लोग काम के सिलसिले में देश के हर हिस्से में जाते हैं। ऐसे लोगों की हत्या हो रही है, यह चिंता का विषय है। इस पर पूरी तौर पर कार्रवाई होनी चाहिए। हमे भरोसा है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन बिहार के लोगों की सुरक्षा का इंतजाम करेगा ताकि आतंकी इस तरह की घटना को अंजाम न दे सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतकों के आश्रितों को बिहार सरकार की ओर से हरसंभव मदद की जायेगी। मजदूरों के पार्थिव शरीर को बिहार लाने का इंतजाम किया जा रहा है। इसको लेकर बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारी जम्मू और कश्मीर के अधिकारियों के निरंतर संपर्क में हैं। मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके गांव तक पहुंचाया जायेगा। सहायता राशि के साथ-साथ विभागों के द्वारा संचालित अन्य योजनाओं का लाभ भी मृतकों के परिजनों को दिलाया जायेगा।
एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौर में भी देश के अन्य राज्यों में फंसे बिहार के लोगों की मदद की गई। केंद्र सरकार के सहयोग से ट्रेन के माध्यम से बिहार के लोगों को लाया गया। लगभग 21 लाख लोग बिहार वापस लौटे थे। सभी के लिए बिहार सरकार ने काम किया। मुख्यमंत्री सचिवालय, आपदा प्रबंधन विभाग और रेजीडेंट कमीश्नर के कार्यालय में कॉल सेंटर चलाया गया था ताकि बिहार से बाहर फंसे लोग अपनी परेशानियां बता सकें। बिहार सरकार ने बिहार एवं बिहार के बाहर कई जगहों पर बाहर से आने वाले लोगों के रहने और खाने का इंतजाम कराया था।
बिहार के क्वारंटाइन सेंटरों पर रहने वाले लोगों से हमने बातचीत भी की थी, जिसमें हमने लोगों से अनुरोध किया था कि बिहार में रहकर ही काम कीजिए। बाहर से बिहार लौटे लोगों ने पश्चिमी चंपारण में काफी अच्छा काम शुरु किया था। हम तो चाहते हैं कि बिहार के लोग यहीं रहकर काम करें लेकिन हर किसी को कहीं भी जाकर काम करने की स्वतंत्रता है। किसी भी प्रदेश का आदमी किसी दूसरे प्रदेश में जाकर काम कर सकता है, ये उसका अधिकार है। उन्होंने कहा कि हमारा शुरु से प्रयास रहा है कि कोई मजबूरी में बिहार से बाहर नहीं जाये, अगर अपनी इच्छा से कोई जाना चाहता है तो यह अलग बात है।
लोगों के रोजगार को लेकर बिहार में कई प्रकार के प्रबंध किये गये हैं। केंद्र सरकार ने भी इसमें सहयोग किया है। देश के दूसरे हिस्सें में जाने को लेकर किसी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा सकता है क्योंकि यह उसका अधिकार है। एक से दूसरे राज्यों में जाकर लोग सरकारी नौकरी भी करते हैं। इस अधिकार से कोई किसी को वंचित नहीं कर सकता है। आतंकवादियों के द्वारा बाहर के लोगों को कश्मीर छोड़ देने का अल्टीमेटम दिये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा अल्टीमेटम देने का किसी को भी अधिकार नहीं है। पूरा देश एक है। जम्मू-कश्मीर भी देश का अंग है। ऐसे अल्टीमेटम देनेवाले आतंकवादियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी ताकि आगे से ऐसा काम कोई नहीं कर पाये।
जम्मू-कश्मीर के विभिन्न दलों के नेताओं ने भी इस घटना पर अपनी चिंता प्रकट की है। गड़बड़ी करने वाले ऐसे लोगों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसी घटना को लेकर हमें अलर्ट रहना होगा। पर्व त्योहार में बिहार वापस आनेवाले लोगों के लिए कोरोना के प्रति सतर्कता को लेकर की जा रही तैयारियों के संबंध में पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्व-त्योहार में बाहर से काफी संख्या में लोग बिहार आते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए हमलोग हर प्रांत में यह प्रचारित कराने जा रहे हैं कि बिहार वापसी से पहले प्रत्येक व्यक्ति अपना आरटीपीसीआर जांच और टीकाकरण अवश्य करा लें।
इसके अलावा हमलोगों ने यह भी तय कर दिया है कि बाहर से आने वाला अगर कोई व्यक्ति जांच या टीकाकरण नहीं कराया है तो उनकी जांच और टीकाकरण कराया जाए। इसके लिए सभी जगहों पर प्रचारित किया जा रहा है। लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है कि आपके कोई आदमी बाहर से आ रहे हैं तो पूरे तौर पर उनकी जांच और टीकाकरण हो। इसके लिए सतर्क रहिए, सचेत रहिए। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक में एक-एक बात पर चर्चा हो चुकी है। उन्होंने कहा कि किसी को अपने घर आने से रोका नहीं जा सकता है लेकिन उन्हें सचेत, सतर्क और जागरूक तो किया जा सकता है ताकि लोग सावधानी बरतें। हम लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि बिहार आने से पहले आरटीपीसीआर जांच और टीकाकरण अवश्य कराएं। अभी अपने बिहार में कोरोना के मामले न के बराबर हैं।
आप देखते हैं कि यदि कहीं कोरोना के चार-पांच मामले निकल जाते हैं तो पता चलता है कि व्यक्ति बाहर से आया है। यहां कोरोना के मामले सबसे कम हैं। हमलोग पूरी तरह से अलर्ट हैं। एक अन्य प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों से तुलना करें तो हमारे बिहार में पर्व के दौरान आपसी झगड़े काफी कम होते हैं। पुलिस, प्रशासन और यहां के लोग कॉन्सस रहते हैं। अगर कोई गड़बड़ी करता है तो उस पर नजर रखी जाती है और एक्शन भी लिया जाता है।