बिहार

पुरस्कार में मिली इक्यावन हजार की राशि को सुजाता ने गांधी आश्रम को किया दान

पुरस्कार में मिली इक्यावन हजार की राशि को सुजाता ने गांधी आश्रम को किया दान
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चंपारण पर लिखी सुजाता की पुस्तक को महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय ने किया पुरस्कृत

भागलपुर। बिहार भागलपुर की प्रख्यात गांधीवादी लेखिका डा सुजाता चौधरी की "सौ साल पहले,चंपारण का गांधी" पुस्तक को महात्मा गांधी केंद्रीय विश्व विद्यालय, मोतिहारी ने उत्कृष्ट पुस्तक बताते हुए पुरस्कृत किया है। विश्व विद्यालय की ओर से सुजाता चौधरी को पुरस्कार स्वरूप इक्यावन हजार रुपए का चेक दिया गया है। लेखिका ने पुरस्कार कि राशि बांका जिला स्थित गांधी आश्रम को भवन निर्माण के लिए दान करने की घोषणा की है।

गौरतलब है अब जिस जमीन पर भवन बनेगा, वह जमीन भी सुजाता चौधरी ने ही कुछ साल पहले दान में दे दी थी। पुरस्कार पाने के बाद सुजाता चौधरी का कहना है कि इक्यावन हजार (51000) बड़ी राशि है लेकिन वर्तमान में उतनी बड़ी नहीं है जितनी मुझे महसूस हो रही है।महसूस होना अकारण नहीं है, वाणी प्रकाशन से प्रकाशित मेरे उपन्यास –"सौ साल पहले:चंपारण का गाँधी" को यह राशि महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय,मोतिहारी द्वारा प्रदान की गई है। यह मेरे लिए खुशी की बात है।


सुजाता चौधरी के मुताबिक विश्वविद्यालय के कुलपति और विभागाध्यक्ष ने उनको बताया कि इस चयन समिति में विभिन्न विश्वविद्यालयों के लगभग सात विभागाध्यक्ष थे,जिन्होंने एकमत होकर इस उपन्यास को पुरस्कृत करने हेतु अपने निर्णय दिए। बहुत सारे व्याख्याताओं और शोधार्थियों ने इस पुस्तक को पढ़ने और पसन्द आने की बात की तो मेरे जैसी साधारण लेखिका का भावुक होना लाजिमी था। उन्होंने बताया कि इस पुरस्कृत राशि के सदुपयोग करने हेतु इक्यावन हजार रुपए, गांधी आश्रम ,सोभानपुर ,बांका में भवन निर्माण हेतु समर्पित करने का फैसला लिया है।



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