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बिहार के दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र के कुशेश्वर स्थान बिरौल एसएच-56 पर बेर चौक के पास आज शुक्रवार को पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हो गई। ग्रमीणों ने पुलिस कर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया। इसमें दोनों ओर से एक दर्जन लोग घायल हो गए। घायलों में थानाध्यक्ष भगवान सिंह व पुलिस के दो अन्य जवान हैं।
मारपीट और पथराव में पुलिसकर्मी इंद्रजीत यादव का हाथ टूट गया। वहीं, लाठीचार्ज में उर्मिला देवी और उषा देवी गंभीर रूप से घायल हो गयी। उनका इलाज सतीघाट पीएचसी में चल रहा है। वहीं, घायल पुलिसकर्मी इंद्रजीत यादव को इलाज के लिए दरभंगा ले जाया गया है। पूरा मामला जमीन विवाद से जुड़ा है।
लक्षमिनिया गांव के अधिक लाल साह की पत्नी उषा देवी ने आरोप लगाया कि जमीन विवाद को लेकर गुरुवार की दोपहर मेरे पति थाने में आवेदन देने गये थे। थाने में मौजूद पुलिस अधिकारी ने उन्हें डांट-फटकारकर हाजत में बंद कर दिया। शुक्रवार की सुबह जब हमने थाने पर आकर अपने पति को हाजत में बंद करने का कारण पूछा तो पुलिस ने गाली-गलौज कर मुझे भी थाने से भगा दिया।
बता दें कि उषा देवी ने इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी। इसके बाद लोगों ने पुलिस के इस रवैये के खिलाफ बेर चौक पर एसएच -56 को बांस-बल्ले से घेरकर जाम कर दिया। इससे सड़क के दोनों ओर लंबी दूरी तक जाम लग गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों से जाम हटाने को कहा। इसी दौरान सड़क जाम कर रही कुछ महिलाओं ने पुलिस पर हमला कर दिया। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। घटना की सूचना मिलने पर बिरौल एसडीपीओ मनीषचन्द्र चौधरी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने काफी मशक्कत कर लोगों को शांत कराया।
इस मामले में एसडीपीओ मनीषचन्द्र चौधरी ने बताया है कि जमीन विवाद में एक व्यक्ति को बंधक बना लिया गया था। पुलिस उसे छुड़ाकर थाने ले आयी थी। पुलिस ने किसी को हाजत में बंद नहीं किया था। पुलिस पर हमला करने वालों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गयी है।