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गुलजार के गाने ही कर सकेंगे तीजन बाई की जिंदगी से न्याय : आलिया सिद्दीकी
नई दिल्ली : बॉलीवुड एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी बचपन से ही प्रख्यात पंडवानी गायिका तीजन बाई की गायिकी के दीवाने थे। उनकी इस दीवानगी का आलम यह था कि जब वे तीजन बाई का कार्यक्रम देखने-सुनने जाते थे, तो बच्चे होने के कारण जब उन्हें मंच पर कार्यक्रम पेश कर रही तीजन बाई दिखाई नहीं देती थीं, तो नवाज अपनी कुर्सी पर खड़े हो जाते थे, ताक़ि उन्हें तीजन बाई की परफॉर्मेंस की एक झलक दिख जाए।
आज नवाज़ इस बात को लेकर काफ़ी उत्साहित हैं कि उनकी पत्नी आलिया सिद्दीकी और मंजू गढ़वाल वाय. एस. एंटरटेनमेंट के बैनर तले उसी मशहूर लोक गायिका तीजन बाई की जिंदगी पर फ़िल्म बनाने जा रही हैं। और, वह भी ऐसे समय में, जब तीजन बाई को कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिसमें से एक है पिछले साल, यानी वर्ष 2018 में उन्हें दिया गया 'द फ़ुकुओका प्राइज'।. इसके अलावा उन्हें इसी साल पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के गनियारी गांव में 1956 में जन्मी तीजन बाई के पिता का नाम चुनुक लाल पारधी और मां का नाम सुखवती था। छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति पारधी समाज से ताल्लुक रखनेवाली तीजन बाई को 1988 में पद्मश्री, 1995 में श्री संगीत कला अकादमी पुरस्कार, 2003 में डॉक्टरेट की डिग्री, 2003 में पद्म भूषण, 2016 में एम. एस. सुब्बालक्ष्मी शताब्दी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
कला-क्षेत्र बर डाॅ. तीजन बाई ल भारत के राष्ट्रपति कोविन्द ह पद्म विभूषण दे हे। डाॅ. तीजन बाई ह छत्तीसगढ़ी संस्कृति ल 'पंडवानी' के प्रदर्शन से देश-दुनिया म पहुंचाइस हे, जेमा महाभारत के परसंग ल गायन, मंचीय प्रदर्शन अउ परम्परागत वाद्य यंत्रों के संग जीवंत करे जाथे। pic.twitter.com/CBQu0ne6Wt
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 16, 2019
तीजन बाई की शादी 12 साल की छोटी उम्र में ही कर दी गई थी, लेकिन एक महिला होने के बावजूद पंडवानी नामक गायिकी की विधा में बेहद रुचि रखने की वजह से उन्हें उनके पारधी समाज से निष्कासित भी कर दिया गया था। यानी, शौक के साथ संघर्ष का साथ बचपन में ही हो गया था। पारधी समाज से निष्कासित होने के बाद उन्होंने ख़ुद ही एक झोपड़ी बनाकर स्वतंत्र रूप से रहना शुरू कर दिया था, लेकिन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद गायिकी का दामन कभी नहीं छोड़ा, और आखिरकार इसी गायिकी ने उन्हें लोकप्रियता के एवरेस्ट पर पहुंचाया। आलिया सिद्दीकी कहती हैं, 'तीजन बाई की जिंदगी के कई पहलू हैं, जिसके बारे में बहुत कुछ लिखा जा सकता है। मुझे शिद्दत से लगा कि उनकी जिंदगी पर एक फिल्म बनाई जानी चाहिए।'
छत्तीसगढ़ में सुनाई जानेवाली महाभारत से जुड़े किस्सों से संबंधित गायिकी की विधा पंडवानी में तीजन बाई को महारत हासिल है। तीजन बाई की इसी कला ने आलिया सिद्दीकी को प्रभावित किया। ऐसे में उन्हें लगा कि उन पर आधारित एक बायोपिक उनकी जिंदगी के साथ न्याय कर पाएगी। ऐसे में उन पर बन रही फ़िल्म की स्क्रिप्ट लिखने का जिम्मा भी आलिया ने ख़ुद उठाया, लेकिन उनकी इच्छा है कि फिल्म के गाने कोई कलम का जादूगर ही लिखे। आलिया कहती हैं, 'मेरी दिली ख्वाहिश है कि गुलजार साहब हमारी फ़िल्म के गाने लिखकर तहजन बाई की जिंदगी को हमेशा के लिए अमर कर दें।'
वहीं, फिल्म में तीजन बाई के किरदार के साथ उनके नाना की भूमिका के लिए बॉलीवुड के नामचीन कलाकारों से संपर्क साधा जा रहा है। आलिया कहती हैं, 'हमारी इच्छा है कि तीजन बाई जैसी शख्सियत का किरदार कोई दमदार अभिनेत्री ही करे। इसके लिए विद्या बालन, पिय्रका चोपड़ा और रानी मुखर्जी से बातचीत चल रही है, लेकिन अब तक इस किरदार के लिए किसी अभिनेत्री का नाम फाइनल नहीं हुआ है। वहीं, तीजन बाई के नाना भी भूमिका के लिए बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन से संपर्क किया गया है। उन्हें स्क्रिप्ट पसंद आई है और किरदार भी। हालांकि, अभी हम इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं कर रहे हैं, लेकिन तीजन बाई के नाना भी भूमिका बिग बी ही निभाएंगे।
इस फिल्म के निर्माण के लिए आलिया सिद्दीकी और मंजू गढ़वाल की मदद कर रहे नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी कहते हैं, 'तीजन बाई अपने आप में एक किंवदंती हैं। मुझे आलिया पर पूरा यकीन है कि वह इस फिल्म को महज फिल्म फेस्टिवल के लिए नहीं, बल्कि आज के आम दर्शकों को ध्यान में रखकर इसे बेहद प्रासंगिकता के साथ बनाएंगी। वहीं, मंजू गढ़वाल कहती हैं, 'आज भी तीजन बाई अपनी जादुई और प्रभावशाली आवाज से दुनिया भर के श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर रही हैं। वह अपनी गायिकी को आज की पीढ़ी तक पहुंचा रही हैं।