- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
सरकार ने वापस लिया फैसला, 15 हजार से कम सैलरी पर PF टैक्स नहीं
Special News Coverage
1 March 2016 7:06 AM GMT
नई दिल्ली : वित्तमंत्री अरुण जेटली के बजट पेश करने के अगली सुबह ही केंद्र सरकार को पीपीएफ पर टैक्स लगाने के फैसले को वापस लेना पड़ा है। राजनीतिक विरोधियों के साथ ही सोशल मीडिया पर भी इस मामले में केंद्र के इस फैसले को जबरदस्त विरोध हो रहा था।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने इस मुद्दे पर सरकार का रुख साफ करते हुए कहा कि लोक भविष्य निधि में योगदान पर कर छूट बरकरार रहेगी, निकासी पर कोई कर नहीं लगेगा। रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने बताया कि 15,000 हर महीने कमाने वाले कर्मचारियों को EPF निकालने पर टैक्स से बाहर रखा गया है।
गौरतलब है कि सोमवार को साल 2016 के बजट की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रावधान दिया कि 1 अप्रैल 2016 से ईपीएफ खाते से पैसा निकालने पर भी टैक्स लगेगा। जिसके बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। दूसरी तरफ मजदूर संगठन ने भी आम बजट से नाराजगी जताते हुए इसका विरोध किया है।
वहीं सीपीएम नेता एके पद्मनाभन का कहना है कि ये मजदूरों की सेविंग और उनके जीवन भर की कमाई में जमा होता है, ये सभी ट्रेड यूनियनों के खिलाफ है। हम इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे, सरकार को ये वापस लेना ही होगा।
Special News Coverage
Next Story