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किंगफिशर के बाद जेट एयरवेज दीवालिया घोषित होने से कुछ कदम दूर!

Special Coverage News
3 Jan 2019 6:28 AM GMT
किंगफिशर के बाद जेट एयरवेज दीवालिया घोषित होने से कुछ कदम दूर!
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गिरीश मालवीय

जेट एयरवेज कर्ज चुकाने में डिफॉल्ट कर गयी है. उस पर कुल कर्ज 8200 करोड़ है. कल कम्पनी ने माना कि भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम (बैंकों का समूह) को ब्याज और मूल किस्त देने में देरी हुई है. इसका भुगतान 31 दिसंबर 2018 को होना था. नकदी प्रवाह में अस्थायी गड़बड़ी के चलते यह देरी हुई." कुछ महीनों पहले खबर थी कि जेट के पास केवल 60 दिनों की जरूरतों के लिए ही पर्याप्त नकदी बची हैं.

यह एक बहुत बड़ी घटना है किंगफिशर के बाद जेट दीवालिया घोषित होने से कुछ कदम दूर है.कुछ दिनों पहले पाकिस्तान की शाहीन एयरलाइंस के मालिक भी ऐसे ही घोटाला कर विदेश भागे है इस एयरलाइन की कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ाने 2 महीने से रद्द चल रही थीं शाहीन के करीब 3000 कर्मचारियों को कई महीनों से सैलरी नहीं दी गई थी, सैलरी न मिलने को लेकर एयरलाइन के कर्मचारी प्रदर्शन भी कर रहे थे.

ठीक ऐसी ही परिस्थिति जेट एयरलाइंस के साथ भी निर्मित हो रही है. इसके मालिक नरेश गोयल पहले से ही ब्रिटेन में रह रहे हैं उन्हें तो भागने की भी जरूरत नही है. उनकी कम्पनी के विदेशी सीईओ भी भारत से घर छुट्टी मनाने गए थे वो भी वापस नही लोटे है. वैसे मोदी जी जेट एयरवेज को बचाने में पर्सनल इंटरेस्ट ले रहे हैं जैसे यूपीए के समय मनमोहन सिंह ने एक बार बयान दिया था कि किंगफिशर को हमे बचाना चाहिए ऐसे ही मोदी ने जेट को बचाने के लिए टाटा को आगे करने की बात की थी. लेकिन टाटा ने अपने हाथ पीछे खींच लिए है माना जाता है कि जेट के मालिक नरेश गोयल को मोदी सरकार ने 2015 में पीएनबी से एक बड़ा लोन दिलवाया है?

टाटा के इनकार के बाद आर्थिक परेशानी से जूझ रही कंपनी जेट एयरवेज अब फंड के लिए फिर से अपने पुराने ऋणदाता स्टेट बैंक अॉफ इंडिया से बातचीत कर रही थी लेकिन एसबीआई जेट से भविष्य के कैश फ्लो, फ्यूल और एयरक्राफ्ट लीज के लिए भुगतान को लेकर एक मजबूत योजना चाहती थी जो उसे नही दी गयी.

बैंक ने जेट एयरवेज को स्ट्रेस्ड लोन के तहत निगरानी में रखा है. SBI ने जेट एयरवेज पर लगभग 2,000 करोड़ रुपए का कर्ज दिया है अब जेट उससे 1500 करोड़ रुपये का कर्ज ओर मांग रहा है, इस रकम का उपयोग जेट परिचालन जरूरतों के अलावा कुछ कर्ज के भुगतान में करना चाहती है एसबीआई एक ऑडिट सलाहकार कंपनी ईएंडवाई उसके खातों की फॉरेंसिक ऑडिट कर रही है दरअसल एसबीआई यह जानना चाहता है की एयरलाइन के खातों में कोई वित्तीय अनियमितता है या नहीं.

अभी यह आडिट पूरा भी नही हुआ है कि जेट उससे ओर कर्ज माँग रहा है वैसे कर्ज के भुगतान के लिए जेट को ओर कर्ज़ दिया जाए यह कहा की समझदारी की बात है ? साफ है कि मोदीजी मई 2019 तक इस मामले को ओर लटका कर रखना चाहते हैं ताकि भाण्डा उनके सर न फूटे ओर नीरव मोदीं, विजय माल्या की लिस्ट में नरेश गोयल का नाम शामिल न होने पाए.

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